दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ई-एजेंडा कार्यक्रम में कहा कि कोरोना संकट पर भारत अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ”हमने सही समय पर सही फैसला लिया, यही कारण है कि कई बड़े देशों की तुलना में हमारे यहां स्थिति बेहतर है. हमने लॉकडाउन से पहले 1 फरवरी को ही चीन से उड़ान सेवाएं बंद कर दी थीं. हमने चीन, इटली आदि देशों से आने वाल लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी और तब 14 लाख 52 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई. हमारे यहां कोरोना से मौत का आंकड़ा 2 हजार से कम है.”
उन्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे करीब 1 लाख 90 हजार लोगों को वापस लाने का लक्ष्य है. यह संख्या और बढ़ भी सकती है. हमारा यह अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सिविल एविएशन मार्केट है, ऐसे में घरेलू उड़ान शुरू होते ही इस इंडस्ट्री को जल्द ही पटरी पर चले आने की उम्मीद है. इस सवाल पर कि सिविल एविएशन सेक्टर को राहत पैकेज दिया जाएगा या नहीं.
उन्होंने कहा कि उनकी कुछ मांगें जायज हैं. मसलन, एविएशन टरबाइन फ्यूल की कीमत ज्यादा है, इसे रैशनलाइज करने के लिए हम सोच रहे हैं और इस पर सरकार से बात भी हो रही है.”
उन्होंने कहा कि भारत की 3 ट्रिलियन की इकोनॉमी है. लॉकडाउन के कारण इकोनॉमी तो प्रभावित हुई है लेकिन सभी सेक्टरों के बारे में सरकार सोच रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीच-बीच में कई घोषणाएं भी कर रही हैं और भविष्य में भी उचित फैसला लिया जाएगा. कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक सभी को घर देने का लक्ष्य है. इसके लिए एक करोड़ यूनिट बननी थी. ये आंकड़ा हमने पार कर लिया है. एक करोड़ 12 लाख यूनिट की डिमांड है. उम्मीद है कि इस महीने यह आंकड़ा भी पार हो जाएगा.
प्रवासी मजदूरों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई राहत पैकेज की घोषणा हुई, इनमें मजदूरों और आम आदमी को लेकर कई फैसले हुए. प्रवासी मजदूरों के लिए हमने ट्रेन सेवा शुरू की. लेकिन लॉकडाउन बढ़ने के कारण उन्हें थोड़ी बेचैनी हुई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान देश में भूख से एक भी मौत नहीं हुई है.
हरदीप पुरी ने कहा कि हमारे पास अनाज की कोई कमी नहीं है. सरकार और एनजीओ लगातार लोगों को खाना दे रहे हैं. विपक्ष कह रहा है कि विदेश में फंसे लोगों को आप वापस ला रहे हैं और मजदूर पैदल जा रहे हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष को आत्म चिंतन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कारोबार शुरू होते ही एक लाख मजदूर हरियाणा में वापस लौटना चाहते हैं.