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इस वर्ष अप्रैल में होना था हैंडओवर
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अब तक 80 करोड़ हो चुके हैं खर्च
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333 करोड़ का है यह प्रोजेक्ट
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वर्ष 2012 में शुरू हुआ था निर्माणकार्य
रांची: IIM रांची को इस वर्ष भी अपने नए भवन में शिफ्ट करने का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि, अभी तक भवन बनकर तैयार नहीं हो पाया है. यह भवन इसी वर्ष अप्रैल 2020 तक हैंडओवर किया जाना था परंतु कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण निर्माणकार्य धीमा पड़ गया है. प्रबन्धन अब अगले वर्ष के इंतज़ार में है. आईआईएम रांची का नया सत्र सम्भवतः अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में अपने नए भवन में शुरू करेगा. संस्थान इसी आस में है. लॉक डाउन की वजह से एक साल विलम्ब हो गया. IIM का स्थायी भवन एचईसी क्षेत्र के मुड़मा मौजा में बन रहा है. यह भवन लगभग 60 एकड़ में बन रहा है. जानकारी के मुताबिक अब तक हुए निर्माणकार्य में 80 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. यह पूरा प्रोजेक्ट 333 करोड़ का है. इस नए भवन के निर्माणकार्य का जिम्मा झारखंड सरकार उठा रही है. निर्माणकार्य जारी है पर काम धीमा है. कैंपस में करीब 250 मजदूर हैं जो काम कर रहे हैं लेकिन, परेशानी हो रही है क्योंकि, सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है. बची सामग्रियों से ही काम चल रहा है. 60 एकड़ में IIM का नया कैंपस बन रहा है.
कुल 13 भवन बनेंगे
IIM रांची के नए कैंपस में कुल 13 विभिन्न भवन बनेंगे. इनमे तीन प्रशासनिक भवन होंगे.
जो भवन बनेंगे उनका विवरण इस प्रकार है:
प्रशासनिक भवन 3000 वर्ग मीटर
स्टूडेंट्स छात्रावास 18000 वर्ग मीटर
स्टूडेंट्स डायनिंग हॉल 2000 वर्ग मीटर
स्टाफ डायनिंग हॉल 2500 वर्ग मीटर
फैकल्टी ब्लॉक 3000 वर्ग मीटर
लाईब्रेरी 6000 वर्ग मीटर
प्रशासनिक भवन 4000 वर्ग मीटर
कंप्यूटर लैब 6000 वर्ग मीटर
सब स्टेशन का निर्माण 8000 वर्ग मीटर
फैकल्टी रेसीडेंस 8000 वर्ग मीटर
स्टाफ क्वार्टर (ब्लाक-ए) 1500 वर्ग मीटर
स्टाफ क्वार्टर (ब्लाक-सी) 1000 वर्ग मीटर
फर्स्ट फेज (निर्माणकार्य) 61800 वर्ग मीटर
2012 में शुरू हुआ रहा था काम
IIM रांची के नए भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में शुरू हुआ था.
आशा करता हूं कि अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में शिफ्ट हो जाऊं: प्रो शैलेन्द्र
IIM रांची के निदेशक प्रो शैलेन्द्र सिंह ने आशा व्यक्त की है कि अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक वे अपने नए भवन में शिफ्ट कर जाएंगे. उन्होंने बताया कि निर्माणकार्य जारी है पर काम धीमा चल रहा है.
चेड़ी गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा था
IIM रांची की स्थापना देश के नवें IIM के रुप में वर्ष 2010 में की गयी थी और उसे रांची से कुछ दूर नगड़ी इलाके में परिसर बनाने के लिए भूमि आवंटित की गयी थी. यह जमीन राज्यपाल की परामर्शदात्री समिति ने दी थी. IIM को रांची में कांके ब्लाक में चेड़ी गांव में 90 एकड़ भूमि दी गई थी लेकिन, स्थानीय स्तर पर विरोध के कारण जमीन नहीं दिया जा सका था. वहां चहारदीवारी का निर्माण भी कराया गया था. इस कार्य में लगभग 70 लाख रुपये खर्च हुए थे. इसके बाद नामकुम में भी जमीन तलाशी गई, वहां जमीन मिली भी पर जमीन देखने गए दल को जमीन पसंद नही आई.