खूंटी: जिले के अंतिम छोर पर बसे अड़की प्रखंड के बोहोंडा पंचायत अंतर्गत साके गांव समेत अड़की के कोचांग और तिनतिला पंचायत के बारूहातु गांव में 250 जरूरतमंदों के बीच सूखा राशन का वितरण किया गया. साके गांव में पहाड़ों के पीछे बसे गांवों के लोग पहाड़ लांघ कर अनाज लेने आये. गोद में बच्चे लिए महिलाओं की आंखों में लॉक डाउन के दौरान बेबसी उनकी आंखों में झलकी। सुबह के छह बजे से ही लोग डीबर और अंथोनी के घर के सामने जमा होने लगे थे. उनके बीच लगभग 12 बजे अनाज बांटा गया. अनाज का वितरण ग्रामप्रधान की उपस्थिति में की गई. साके में दस गांवों के 150, कोचांग में आठ गांवों के 80 और साके में 20 परिवारों के बीच अनाज का वितरण किया गया.
तीन संस्थाओं ने मिलकर किया काम
जिला मुख्यालय से साके की दूरी लगभग 55 किमी है. यह गांव खूंटी, सरायकेला और पश्चिमी सिंहभूम के सीमांत पर जंगलों और पहाड़ों के बीच अवस्थित है. जहां पहुंचना काफी कठिन होता है. यह इलाका नक्सल प्रभावित होने के साथ विवादित पत्थलगड़ी का इलाका भी माना जाता रहा है. इन गांवों में तीन संस्थाओं खूंटी चेम्बर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और नवभारत जागृति केंद्र ने जिला कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देते हुए गांवों में सूखा राशन लेकर पहुंचीं. गांवों तक पहुंचने वालों में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद जायसवाल, सचिव ज्योति सिंह, नवभारत जागृति केंद्र के मोहित पुर्ती समेत चेम्बर की 20 सदस्यीय टीम गांवों में पहुंची थी.
200 लोगों ने खाई खिचड़ी
चुकि पहाड़ों के पार तोतकोरा, कुदादा, लाउली, ईचाहातु समेत अन्य गांवों के लोग नंगे पांव पहाड़ों को पार कर अनाज लेकर आऐंगे, तो वे भूखे भी होंगे. इस कारण उन ग्रामीणों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था की गई थी. ग्रामीणों के साथ संस्थाओं के लोगों ने भी साथ मिलकर केले के पत्ते पर खिचड़ी खाया.
सभी ग्रामीणों को दिया गया मास्क
साके गांव में आये सभी ग्रामीणों को सेवा वेलफेयर सोसाईटी की ओर से मास्क दिया गया. उक्त मास्क विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के द्वारा सोसाईटी को उपलब्ध कराई गई थी.
किया गया जागरूक
ग्रामीणों को सेवा वेलफेयर सोसाईटी और खूंटी चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लोगों को कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उपजी महामारी के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई. कहा गया कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतना ही बेहतर है. ग्रामीणों को बचाव के उपाय और संक्रमित मरीजों की पहचान के संबंध में जानकारी दी गई. वहीं नवभारत जागृति केंद्र का प्रचार वाहन भी जंगलों में बसे गांवों के लोगों को लाऊडस्पीकर के माध्यम से मुंडारी और हिंदी भाषा में ग्रामीणों को कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी दी. ग्रामीणों ने भी संकल्प लिया कि वे अपने गांवों में कोरोना वायरस को नहीं आने देंगे.