रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने आसन्न खरीफ मौसम में कृषि उत्पादन बढाने तथा लागत घटाने और उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए पूरे झारखण्ड में अच्छी मात्रा में हो रहे प्री मानसून बारिश का लाभ उठाने की अपील किसानों से की है.
बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ डी एन सिंह ने सलाह दिया है कि कृषकगण हर खेत एवं मध्यम जमीन में मेढ बांधकर 2.3 गहरी जुताई करें ताकि खेत का पानी खेत में ही रहे. इससे खर, पतवार जो खरीफ में एक बड़ी समस्या है काफी हद तक नियंत्रित हो जायेगा.
जुताई से खर, पतवार ऊपर आ जायेगा और 40.45 डिग्री तापक्रम में जल जायेगा. इससे खर. पतवार नियंत्रण में मजदूरों और तृणनाशकों पर होनेवाला खर्च काफी कम हो जायेगा साथ ही गहरी जुताई से कीड़े एवं रोगों के विषाणु मिट्टी की सतह पर ऊपर आ जायेंगे और उच्च तापमान में नष्ट हो जायेंगे. फलतः खरीफ फसलों में इनका प्रकोप बहुत कम हो जायेगा.