रांची: लॉकडाउन अवधि का स्कूल फीस माफ करने को लेकर अभिभावकों ने ट्विटर पर देशव्यापी मुहिम की शुरुआत की. इसके तहत फेडरेशन ऑफ पेरेंट्स एसोसिएशन ( इंडिया) ने देश भर के पेरेन्ट्स एसोसिएशन के साथ मिलकर सोमवार सुबह 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक ट्वीटर कैंपेन चलाया. इस कैंपेन के तहत अभिभावक एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने-अपने राज्यों सहित केंद्रीय मंत्रियों के पास जिसमें प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं को भी टैग करते हुए अपनी मांगों को उन तक पहुंचाया.
देश भर के अभिभावकों द्वारा चलाये गए इस मुहिम को आम लोगों का भी काफी समर्थन मिला. ट्विटर पर #noschoolnofee #waiveSchoolFees ट्रेंडिंग में लगभग 25,500 ट्वीट करके इंडिया ट्रेंडिंग में नम्बर दो पर रही.
इस संबंध में फेडरेशन ऑफ पेरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव अजय राय ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप से लोग परेशान हैं. लॉकडाउन के कारण हर क्षेत्र में काम ठप हैं. अभिभावकों की आमदनी पर भी ब्रेक लग गया है. स्कूल महीनों बंद रहने के बावजूद निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से स्कूल बंद रहने की अवधि का शिक्षण शुल्क के साथ साथ हर तरह का शुल्क वसूलते रहे हैं. स्कूल बंद हो या खुला, इससे इन्हें कोई मतलब नहीं रहता है.
अजय राय ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी चरम पर है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे. उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों के पिछले पांच साल का बैलेंस शीट की सीएजी से जांच कराई जाए, ताकि सही वस्तुस्थिति की जानकारी हो सके. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की अवधि का स्कूल फीस माफ करने से निजी स्कूलों के संचालकों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं, दूसरी तरफ उक्त अवधि का स्कूल फीस माफ हो जाने से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने इस दिशा में केंद्र व राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर अभिभावकों को निजी स्कूल प्रबंधन के शोषण से मुक्त कराने की मांग की है.