नई दिल्ली: कोरोना संकट से जूझ रहे भारत के सामने एक और चुनौती खड़ी है. भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व भाग में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण 16 मई को ‘चक्रवाती तूफान’ के आने की आशंका है.
विभाग का कहना है कि दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व भाग में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो कि 15 मई को ‘चक्रवाती तूफान’ का रूप धारण कर सकता है और यह तूफान 16 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम और पश्चिम मध्य इलाके की तरफ बढ़ सकता है, इस कम दबाव के क्षेत्र का नाम अम्फान (Amphan) रखा गया है.
यही नहीं मौसम से जुड़े बहुत सारे मॉडल ये ही संकेत दे रहे हैं कि 15 मई के बाद साल 2020 का पहला ‘चक्रवाती तूफान’ विकसित हो सकता है. हालांकि इसके मार्ग, इसकी क्षमता और इसके लैंडफॉल को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है.
इससे पहले स्काईमेट ने कहा था कि ‘चक्रवाती तूफान’ 1 मई से तीन मई के बीच आ सकता है लेकिन बाद में ये स्लो पड़ गया, हालांकि एक बार फिर से बंगाल की खाड़ी में फिर से सिस्टम प्रभावी होने लगा है, ऐसा माना जाता है कि साल में दो बार ऐसा होता है, जब ‘चक्रवाती तूफान’ आने की आशंका होती है.
पहला मौका मानसून सीजन से पहले और दूसरा मानसून सीजन के बाद, और मानसून सीजन आम तौर पर जून के पहले महीने में शुरू होता है, इस बार ये तूफान मानसून से पहले आने की आशंका व्यक्त करता है.
क्या होता ‘साइक्लोन’?
भारत और दुनिया भर के तटीय इलाके हमेशा चक्रवाती तूफानों से जूझते रहते हैं., चक्रवाती तूफानों को अलग-अलग जगह के हिसाब से अलग-अलग नाम दिया जाता है, साइक्लोन, हरिकेन और टाइफून, ये तीनों ही चक्रवाती तूफान होते हैं, उत्तरी अटलांटिक महासागर और उत्तरी-पूर्वी प्रशांत महासागर में आने वाले चक्रवाती तूफान हरिकेन कहलाते हैं.
उत्तरी-पश्चिमी प्रशांत महासागर में आने वाले चक्रवाती तूफानों को टायफून और दक्षिणी प्रशांत और हिन्द महासागर में आने वाले तूफानों को साइक्लोन कहा जाता है. भारत में आने वाले चक्रवाती तूफान दक्षिणी प्रशांत और हिन्द महासागर से ही आते हैं इसलिए इन्हें ‘साइक्लोन’ कहा जाता है.
क्यों आते हैं ‘चक्रवात’?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है.
इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे चक्रवात कहते हैं.