बिहार: बिहार के जमुई जिले में तालिबानी फैसले का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पंचायत के तालिबानी फरमान के बाद दो लोगों की पीट-पीटक हत्या कर दी गई. जिले के चकाई थाना की पोझा पंचायत के सिकटिया गांव में दो लोगों की हत्या की खबर है हालांकि इस घटना की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. यह हत्या अवैध संबंध के चलते की गई है. घटना सात मई की है लेकिन पुलिस प्रशासन को किसी भी तरह को कोई जानकारी नहीं है.
पुलिस को नहीं है खबर की जानकारी
वहीं इस मामले में एसपी का कहना है कि पुलिस को इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. लेकिन अपने स्तर से पता लगवा रहे हैं. हैरान कर देने वाली बात यह है कि हत्या हुए पांच दिन हो गए और पुलिस को इसकी जानाकारी तक नहीं है. वहीं चकाई थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. पोझा पंचायत और सकटिया गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू राम हांसदा और लोबन किस्कू का गांव की ही महिला से अवैध संबंध था.
दोनों को पीटा और पेड़ पर टांग दिया
इस बात की जानकारी होने पर गांव के लोगों ने दोनों को अगाह किया था लेकिन फिर भी नहीं माने. इसके बाद पंचायत बुलाई गई. पंचायत में आसपास के गांव जोगिया, नन्हीयां और रहिमा गांव के दो-चार प्रमुख लोगों को बुलाया गया था. बताया जा रहा है कि पंचायत के आदेश के बाद जब दोनों की पिटाई शुरू हुई तो आसपास के गांव से पहुंचे लोग भाग खड़े हुए.
एसपी ने कही मामले की जांच कराने की बात
इस पूरे मामले को आत्महत्या का मामला साबित करने के लिए दोनों शवों को पेड़ से लटका दिया. बाद में ग्रामीणों ने दोनों शवों को जला दिया. वहीं, एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि लॉकडाउन में बहुत संवाद नहीं मिल पाता है. इसकी जानकारी नहीं मिली है. मामले की जानकारी लेकर वह अपने स्तर से इसकी जांच कराएंगे.