चतरा: चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड में पिता की अर्थी को कांधा देकर चार बेटियों ने एक मिशाल पेश की है. चारों बेटियों ने अपने पिता को न सिर्फ कांधा दिया, बल्कि रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ पुत्र का फर्ज भी निभाया.
दरअसल गिद्धौर गांव निवासी लखन भुइयां जो कि प्रखंड क्षेत्र में स्वच्छता दूत के नाम से प्रसिद्ध व चर्चित थे, कि लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. जिसके बाद उनकी अंतिम यात्रा उनके घर से निकली. शव यात्रा में उत्पन्न परिदृश्य को देख न सिर्फ वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम थी बल्कि मृत लखन की बेटियों पर लोग फक्र व गर्व भी कर रहे थे.
ग्रामीणों के अनुसार लखन की दोनों किडनी खराब हो गयी थी. आर्थिक तंगी के कारण उनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा था. इतना ही नहीं करीब डेढ़ वर्ष पूर्व उनके एकलौते बेटे व एक वर्ष पूर्व उनकी पत्नी की भी मौत बीमारी से ही हो गयी थी. जिसके बाद लखन और भी टूट चुके थे.
बतातें है लखन की पहचान गांव समेत पूरे प्रखंड क्षेत्र में एक स्वच्छ्ता दूत के रूप में थी. कहते हैं कि अपनी पत्नी के साथ वह गिद्धौर मुख्य चौक से थाना परिसर तक सफाई का काम करते थे. लेकिन लखन ने भी आखिरकार बीमारी के सामने घुटने टेक दिए और हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन जीते जी जीवनभर दुख को सहने वाले लखन की अंतिम यात्रा इतनी सुखद होगी इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. उनके मरने के बाद उनकी चार विवाहित बेटियों ने न सिर्फ बेटे का फर्ज निभाया बल्कि उन्हें कंधा देकर घाट तक भी पहुंचाया. लखन की बेटियों की सोच को आज पूरा इलाका सलाम कर रहा है.
इधर जिला परिषद सदस्य राम लखन दांगी ने चारों बेटियों की सोच को सलाम करते हुए कहा कि ऐसी बेटियां अगर हर घर में पैदा हो जाए तो समाज से रूढ़ीवादी सोच का अंत जरूर हो जाएगा.