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सरयू राय ने की जांच की मांग, सीएम हेमंत को लिखा पत्र
रांची: पूर्व मंत्री और जमेशदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने फिर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला बोला है. इस संबंध में राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजा है. इसमें कहा है कि रघुवर सरकार में नेताओं पर स्पेशल ब्रांच के अफसर नजर रखते थे. इसके लिए कांके रोड स्थित गोंदा थाना के बगल में स्पेशल ब्रांच का एक अवैध कार्यालय तक खुला था.
राय ने सीएम से पूरे मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग की
चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के तत्कालीन सदस्य बैजनाथ प्रसाद इस कार्यालय के संपर्क सूत्र के रूप में काम करते थे. राय ने सीएम से पूरे मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग की है.
स्पेशल ब्रांच के जरिये अवैध तरीके से निगरानी रखी जाती थी
राय ने अपने पत्र में लिखा है कि रघुवर सरकार के समय विरोधी नेताओं पर स्पेशल ब्रांच के जरिये अवैध तरीके से निगरानी रखी जाती थी. ऐसा उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की सहमति के बिना संभव नहीं है. कोई भी अफसर बिना उच्च पदों पर बैठे किसी की मंजूरी मिले ऐसा नहीं कर सकता है.
एसआइटी का गठन कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए
राय ने पत्र में कहा है कि इसकी जानकारी तत्कालीन भवन निर्माण विभाग के मंत्री, सचिव, डीजीपी, गृह सचिव के सचिव को भी जरूर होगी. इसके लिये जिम्मेदार व्यक्तियों को दंड देना जरूरी है. ऐसे में एसआइटी का गठन कर जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
1 मई को लिखा था डीजीपी को पत्र
बतातें चलें कि राय ने 1 मई को डीजीपी को पत्र लिखा था. उसमें भी उनकी गतिविधियों पर झारखंड पुलिस की विशेष शाखा द्वारा नजर रखे जाने का आरोप लगाया था. इस पत्र में उन्होंने दो घटनाओं का भी जिक्र किया था.
उन्होंने यहां तक कहा था कि निगरानी करने वाला व्यक्ति साहेबगंज में पकड़ा भी गया था. उसने कबूला भी था कि वह विशेष शाखा में इंस्पेक्टर है. उसने यह भी बताया था कि मेरी गतिविधियों की सूचना लगातार मांगी जा रही थी.
राय ने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि रघुवर सरकार के निर्देश पर गोंदा थाना के पीछे स्पेशल ब्रांच का अनाधिकृत कार्यालय था. वहां स्पेशल ब्रांच के आठ लोगों को रखा गया था. उस कार्यालय में रिकॉर्डिंग करने वाली मशीनें भी लगी थी. यहीं से विभिन्न नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी. उनके फोन टैप होते थे. ऐसी ही एक व्यवस्था सीआइडी मुख्यालय में भी की गयी थी, जिसमें स्पेशल ब्रांच के 15 कर्मी नियुक्त थे. दोनों अभी निष्क्रिय है.