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SC का सुनवाई से इनकार
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के कारण देश के दूसरे राज्यों में जहां- तहां फंसे प्रवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में दुखद खबर आई थी कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पटरी पर सो रहे प्रवासी मजदूरों को एक मालगाड़ी ने कुचल दिया.
इस दर्दनाक हादसे में 16 श्रमिकों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए थे. अब खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने औरंगाबाद हादसे में मारे गए मजदूरों के मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘अगर मजदूर रेल की पटरियों पर सो जाएं, तो कोई इसे कैसे रोक सकता है?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब राज्य सरकार की तरफ से प्रवासियों के घर लौटने की हर जरूरी व्यवस्था की जा रही है. लेकिन तब भी उन्हें इंतजार नहीं करना है और गुस्से में पैदल ही निकल जाना है तो ऐसे में क्या किया जा सकता है.
कोर्ट ने आगे कहा कि राज्य सरकारें केवल मजदूरों और कामगारों से पैदल नहीं चलने की अपील ही कर सकती हैं. जो लोग अपनी बारी का इंतजार किए बिना ही पैदल निकल रहे हैं तो उनपर बल का प्रयोग भी तो नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि जिन लोगों ने सड़कों पर पैदल चलना शुरू कर दिया है उन्हें कैसे रोका जा सकता है? कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.
बताया जा रहा है कि घर लौट रहे प्रवासी मजदूर रेल की पटरी पर सो रहे थे. नींद में होने के कारण उन्हें मालगाड़ी के पटरी पर आने की खबर ही नहीं लगी. इससे पहले की वो संभलते ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गई. घटना सबुह 06 बजे की बताई जा रही है. मरने वाले सभी मजदूर स्टील की फैक्ट्री में काम करने वाले थे. इस घटन में अब तक 16 मजदूरों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य मजदूर घायल बताए जा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक ये मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे. वे पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे.
इस हादसे में 05 लोग घायल भी हो गए हैं, जिन्हें औरंगाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दक्षिण मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने इस बात की जानकारी दी है.