जमशेदपुर: भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है सिर्फ तराशने की जरुरत है. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में रहने वाले ताइक्वांडो कोच दीपेश सिंह भी उसी प्रतिभा में एक नगीना है जो पिछले 30 वर्षों से मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रहे है और जिदोकोन ताइक्वांडो इंडिया के चीफ कोच भी है.
दीपेश सिंह ग्रैंडमास्टर पी.ऐ. गुरुंग जो ताइक्वांडो हॉल ऑफ फेम अवार्डी है, उनके शिष्य है. दीपेश सिंह 7th डिग्री ब्लैक बेल्ट हैं जिदोकोन कोरिया से.
कोच दीपेश ने हमेशा मार्शल आर्ट सिखने की चाह रखने वालो को मौका देते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो की मदद में भी आगे रहते हैं. मार्शल आर्ट में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले एवं युवाओ के प्रेरणा स्रोत अमित मोदक को तराशने वाले और मौका देने वाले भी दीपेश सिंह ही हैं.
कराटे में मतभेद होने के बाद जब अमित मोदक ने मार्शल आर्ट छोड़ दिया था, तब मास्टर दीपेश ने ही उनकी मदद की थी और ये बाते जब अमित मोदक की जीवनी पर फिल्म बनी तब अमित ने खुद एक इंटरव्यू में सबसे पहले दीपेश सिंह का नाम लिया था. एक सकारात्मक कोच जिसने हमेसा युवाओं को आगे लाया. ऐसे गुरुओं की आज जरुरत है ताकि देश खेल में अव्वल आये.