रांची: गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य सरकार से प्रवासी श्रमिकों की सूची सार्वजनिक करने और यह बताने को भी कहा है कि अब तक कितने प्रवासी श्रमिकों को किस -किस राज्य से लाया जा चुका है और और शेष प्रवासी श्रमिकों को लाने को लेकर सरकार की क्या व्यवस्था है और किस माध्यम से और कब तक प्रवासी श्रमिकों को लाया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि रेल मंत्री झारखंड सरकार को यह कह कर कटघरे में खड़ा कर रहे है कि झारखंड में हम ज्यादा से ज्यादा रेल चलना चाह रहे हैं ताकि देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक झारखंड पहुंच सके. मगर इसको लेकर झारखंड सरकार परमिशन नहीं दे रही है और यही स्थिति रही तो प्रवासी श्रमिकों को लाने में महीनों लग जाएंगे. मौजूदा समय में 2 से 4 से रेल प्रतिदिन चलाया जा रहा है, जो कम है.
उन्होंने कहा कि बेहतर तो यही होगा की राज्य सरकार द्वारा राज्यवार प्रवासी श्रमिकों की सूची रेलवे मंत्रालय को उपलब्ध कराया जाए ताकि रेल मंत्रालय अलग-अलग राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को रेल गाड़ी से झारखंड ला सके.
उन्होंने कहा कि परिवहन की व्यवस्था नहीं देख देश के कई राज्यों से भारी तादाद में प्रवासी श्रमिक अलग-अलग राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल चलकर झारखंड आ रहे हैं. ऐसे लोग कई-कई सौ किलोमीटर शारीरिक कष्ट के साथ पैदल चल रहे है. दुर्घटना की भी संभावना बनी हुई है.
इस स्थिति को जानते समझते हुए हम और हमारी सरकार का यह दायित्व एवं जिम्मेवारी है कि प्रवासी श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा रेलगाड़ी से झारखंड में लाने का प्रयास करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य सरकार द्वारा 50 से 60 लाख प्रवासी श्रमिकों को झारखंड में लाने की बात कहीं जा रही है. जबकि सरकार की ओर से ही बताया जा रहा है कि सात लाख प्रवासी श्रमिक देशभर में हैं.
इसके अलावे सरकार में प्रवासी श्रमिकों की संख्या दस लाख के करीब भी बताई जा रही है. ऐसे में रेल की संख्या बढ़ाया जाना अत्यंत आवश्यक है और इस बात को राज्य सरकार को बखूबी समझना चाहिए.