पटना: रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि बिहार के श्रमिक जिन प्रदेशो मे फंसे हुए थे उनकी घर वापसी हो गयी है. कुछ लोगों की वापसी होनी अभी बाकी है. मैं बिहार सरकार से आग्रह करता हूं कि जो भी श्रमिक भाई बिहार वापस आ गये उनके लिए रोजगगार की व्यवस्था बिहार में की जाए. जिससे आने वाले समय में अपनी रोजी रोटी के लिए अन्य प्रदेशों में न जाना पड़े.
विगत दो महीने में बिहार के श्रमिक भाई जिस मानसीक पिड़ा को झेलकर वापस आये है, ऐसा लगता है आने वाले एक दो साल में किसी भी सूरत में बिहार छोड़कर अन्य प्रदेशा में नहीं जायेंगे.
वर्तमान स्थिति को देखते हुए में बिहार सरकार से आग्रह करता हूं कि 100 करोड़ तक सरकारी कंक्रीटीशन परियोजन को टेंडर से मुक्त किया जाए एवं पूरी पारदर्शिता के साथ भारत के जाने -माने कंपनियो को नॉमिनेशन के आधार पर काम दिया जाए. जिससे सरकारी परियोजनाये हर जिल में तुरतं शरूआत हो सके.
हमारे श्रमिको भाईयों को रोजगार मिल सके. टेंडर प्रक्रिया एक लंबी प्रक्रिया है. उस प्रकिर्या में काभी वक्त लगता है. बिहार सरकार का अच्छा अवसर है कि बिहार के श्रमिकों अपने जिले में ही रोजगार मिले, जिससे बाहर न जाकर बिहार को अपने मेहनत के बल पर विकास के रास्ते में लायें.
बिहार सरकार पर हमेशा दाग लगा रहता था कि वे बिहार में रोजगार सृजन नहीं होने से भारी संख्या में पलायन कर जाते थे. अब इनका अच्छा मौका है कि सरकारी एवं निजी परियोजनाओं को गति प्रदान कर रोजगार मुहैया कराये. जिस तरह से केंद्र सरकार का 200 करोड़ रूपये का ग्लोबल टेंडर नहीं होगा उसी तर्ज पर राज्य सरकार 100 करोड़ रूपये का कोई टेंडर नहीं कराये. उसे केवल नॉमिनेशन कराकर पारदर्शिता के साथ रोजगार प्रदान करें.
राज्य में छोटी-छोटी परियोजनाओं को लाकर पारदर्शिता के साथ काम करें, क्योंकि टेंडर प्रक्रिया में काफी समय लगता है. वर्क को बढ़ावा दें, तभी राज्य का विकास सम्भव है.