नई दिल्ली: कोरोना को लेकर चीन और अमेरिका के बीच टेंशन चरम पर है. अमेरिका को कोरोना से जान और माला दोनों का जितना नुकसान हुआ है, दुनिया में शायद ही किसी देश को हुआ होगा. ऐसे में साउथ चाइना सी में ड्रैगन की दखल ने अमेरिका को और भी भड़का दिया है. इसकी को देखते हुए अमेरिका ने भी अपनी थल, जल और वायु सेना को अलर्ट मोड़ में रहने का निर्देश दिया है.
अमेरिका की सेना लगातार अभ्यास करने में लगी हुई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना का माकूल जवाब दिया जा सके. ऐसे में अमेरिकी वायुसेना का एक एफ-22 विमान फ्लोरिडा में ‘नियमित प्रशिक्षण उड़ान’ के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हालांकि पायलट ने समय रहते इजेक्ट कर लिया और उसकी जान बच गई, लेकिन उसको चेकअप के लिए एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया. बताया गया है कि पायलट इस समय स्थिर स्थिति में है.
दुर्घटना बेस के उत्तर-पूर्व में 12 मील की दूरी पर एक प्रशिक्षण रेंज पर हुई. वायु सेना ने कहा कि दुर्घटना से किसी भी तरह की जान या नागरिक संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ हालांकि मामले की जांच की जा रही है, क्योंकि यह विमान एडवांस तकनीक का था और इसके अपने आप क्रैश होने के चांस भी बेहद कम हैं. F-22 को दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट्स में से एक माना जाता है.
बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना के पास F-22 श्रेणी के कुल 183 विमान हैं. प्रत्येक जेट की लागत लगभग 143 मिलियन डॉलर है. एफ-22 का उत्पादन 2011 में बंद हो गया, क्योंकि पेंटागन ने एफ-35 संयुक्त स्ट्राइकर फाइटर को वायुसेना में शामिल किया. एफ-22 की सीमित संख्या को देखते हुए एक दुर्घटना वायुसेना के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है, जिसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.
इससे पहले साल 2018 में फ्लोरिडा के टाइंडॉल एयर फोर्स बेस पर तैनात कई एफ-22 तूफान माइकल के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था. उस तूफान के दौरान टाइंडॉल को हुए व्यापक नुकसान के कारण जेट के कई हिस्से एग्लिन में चले गए थे.