रांची: आत्मनिर्भर भारत अभियान के चौथे चरण में आज कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs, बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़े सुधरों की घोषणा की गई है.
रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के इन कदमों से न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी बल्कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने से बड़ी मात्रा में निवेश आयेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे. आज की घोषणाओं के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर को साधुवाद.
मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मेक इंडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी है. इससे देश में हथियार बन सकेंगे. उनका स्वदेशीकरण होगा. इससे विशाल रक्षा आयात बिल घटाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि भारतीय उड्डयन क्षेत्र में जो घोषणा की गई है वह मील का पत्थर साबित होंगी. इसके तहत भारत को एयरक्राफ्ट रिपेयर और मेंटेनेंस का ग्लोबल हब बनाने पर जोर दिया गया है. इसके साथ ही 12 हवाई अड्डों को पीपीपी मोड पर बनाने के फैसले से सरकार को 13000 करोड़ रुपए मिलेंगे. भारतीय उड़ान स्पेस को पर से रोक हटाने से इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार बढ़ेगा.
सरकार ने कोयले पर से एकाधिकार समाप्त कर दिया है. अब प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जा सकेगी. कोई भी कॉल ब्लॉक की बोली लगा सकेगा और खुले बाजार में बेच सकेगा.
इसके साथ ही कोयले को गैस में बदलने पर सरकार विशेष प्रोत्साहन देगी. कॉल सेक्टर में आधारभूत संरचना पर सरकार 50000 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से झारखंड जैसे राज्य जहां कोयला प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, काफी लाभ होगा. लोगों को रोजगार मिलेगा और कॉल को गैस में बदलने के लिए जो कंपनियां आएंगी उससे राज्य को निवेश भी मिलेगा.
खनिज व खनन क्षेत्र में भी सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला किया है. 500 खनन ब्लॉक की खुले व पारदर्शी ढंग से नीलामी होगी. इससे निवेश बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय लोगों को फायदा होगा.