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अभाविप का पतिनिधिमण्डल राज्यपाल से मिला
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राज्य के विद्यार्थियों के समाने आ रही समस्याओं को बताया
रांची: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल आज झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू जी से भेंट कर झारखण्ड में कोविड-19 वायरस के खिलाफ लड़ाई के दौरान राज्य के विद्यार्थियों के समाने आ रही समस्याओं के प्रति अभाविप प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर ध्यान आकर्षित करते हुए समुचित कार्यवाही हेतु अभिलंब राज्य सरकार को निर्देशित करने हेतु मांग की.
अभाविप के द्वारा चलाई जा रही है गतिविधियों संज्ञान में लाना चाहते हैं कि अभाविप झारखंड प्रदेश के कार्यकर्ता राज्य भर में छात्रों की सहायता करने हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रशासन के साथ मिलकर मास्क, सैनिटाइजर एवं भोजन वितरण, कार्यकर्ताओ के रूप छात्रों की सूची स्थानीय प्रशासन को सौंपना, छात्रावासों में रह रहे छात्रों को भोजन की व्यवस्था आदि प्रकार से प्रयास कर रहे हैं.
साथ ही इस संकट के समय छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस प्रारंभ करना तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन लेक्चर की व्यवस्था का भी प्रयास कर रहें हैं.
राज्य में कोविड-19 वायरस के खिलाफ लड़ाई के दौरान राज्य के विद्यार्थियों के समाने आ रही समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित करते हुए समाधान हेतु निवेदन करते हैं :-
- झारखंड बोर्ड एवं डिग्री की कक्षाएं और परीक्षाएं (अंतिम वर्ष) – झारखंड बोर्ड की परीक्षाएं दसवीं, बारहवीं तथा उच्च शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों में अपना पाठ्यक्रम से संबंधित आगामी परीक्षा के विषय में संदेह स्थिति बनी हुई है. इस विषय पर राज्य सरकार अपनी नीति स्पष्ट करें. साथ ही मूल्यांकन हेतु प्राध्यापकों एवं विभिन्न शैक्षिक योग्यता प्राप्त प्राध्यापकों को सम्मिलित करें,जिसे परीक्षाओं के परिणाम शीघ्रता से घोषित हो सकें .
- ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत कक्षा 6 से PG तक के आर्थिक रूप से सभी अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्ग के EWS (Economically Weaker Section) के छात्रों को ऑनलाइन क्लास के लिए एंड्रॉयड मोबाइल तथा टैबलेट उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए .
- निजी छात्रावास लॉज, पीजी में रहने वाले छात्रों के लिए 4 महीने का किराया 50% राज्य सरकार अविलंब किराया वहन करें. शेष छात्र वहन करेंगे.
- शुल्क माफी :- राज्य के अंदर विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले Self-financed courses (B.B.A, B.C.A, M.C.A, M.B.A इत्यादि ) की एक सेमेस्टर की नामांकन एवं अन्य फीस को माफ की जाए . गरीब वंचित एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के विद्यार्थियों हेतु परीक्षा शुल्क प्रवेश परीक्षा शुल्क एवं आगामी सत्र की परीक्षा शुल्क आदि माफ किया जाए.
- प्रवेश परीक्षाएं :- वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए आग्रह है कि जब तक स्थिति सामान्य ना हो जाए तब तक के लिए राज्य स्तरीय, विश्वविद्यालय,प्रतियोगिता परीक्षाएं स्थगित रहें. लॉकडाउन हटने के पश्चात भी पर्याप्त समय काल के बाद ही परीक्षाएं होनी चाहिए. जिससे प्रतिभागी प्रवेश परीक्षा के दौरान संक्रमण के भय से मुक्त होकर प्रवेश परीक्षा दे पाएं. साथ ही उम्र की सीमा में छूट प्रदान की जाए.
- छात्रवृत्ति एवं शोधार्थी छात्र संबंधित :- विद्यालय तथा उच्च शिक्षा में अनुसूचित जनजाति जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों आदि को कल्याण विभाग के द्वारा दिए जाने वाले अन्य सभी प्रकार की छात्रवृत्ति को पाठ्यक्रम के निर्धारित शुल्क के सूचकांक के आधार पर अतिशीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए. कोरोना वायरस के कारण शैक्षणिक जगत में हो रहे, समस्या के नुकसान को देखते हुए इस सत्र में अपना शोध जमा करने वाले शोधार्थियों की शोध जमा करने की समयअवधि बढ़ाई जाए.
- सभी विश्वविद्यालयों के द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं चलाए जा रहीं हैं, क्लास का रूटीन जिसमें शिक्षक का नाम एवं समय अंकित हो तथा लेक्चर वीडियो विश्वविद्यालयों के वेबसाइट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए .
- सभी विद्यार्थियों के समस्याओं के संकलन एवं उनके विचार को लेने के लिए सप्ताह में कम से कम 2 दिन विश्वविद्यालय के किसी एक पदाधिकारी को छात्रों के बीच आवश्यक रूप से लाइव आना चाहिए .
- विश्वविद्यालय में अधिकांश विद्यार्थी सुदूरवर्ती क्षेत्र से आते हैं जिनके लिए ऑनलाइन क्लास को अटेंड कर पाना मुश्किल है उनके इस समस्या को ध्यान में रखते हुए “Minimum syllabus, Minimum classroom” तय करने के बाद ही परीक्षा ली जाए ऐसा सुनिश्चित करना चाहिए .
- ऑनलाइन क्लास के अलावा वैकल्पिक क्लासरूम की भी व्यवस्था करनी चाहिए. विश्वविद्यालय के ग्रीन जोन में आने वाले क्षेत्र में जितने भी कौशल विकास केंद्र है, पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए कक्षा एवं परीक्षाएं सुचारू रूप से आयोजित की जाए. जिस किसी भी केंद्र पर परीक्षा ली जाएगी उसके परीक्षा के पूर्व और बाद में क्लास रूम सैनिटाइजेशन की पूर्ण व्यवस्था की जाए .
- विश्वविद्यालयों के द्वारा COVID-19 से संबंधित एक समिति का गठन करना चाहिए जो विश्वविद्यालय क्षेत्र में विद्यार्थियों के सुरक्षा संबंधी विषयों पर कार्य करे.
अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए महाविद्यालयों में लाइब्रेरी से पुस्तक आसानी से उपलब्ध हो सके यह सुनिश्चित करना चाहिए . झारखंड में सभी कोर्स के पुस्तकों पर कम से कम 25% का छूट मिलनी चाहिए . - परीक्षा सम्बंधी :- विश्वविद्यालय परीक्षा सम्बंधी निर्णय लेने हेतु विश्वविद्यालय स्वतन्त्र हैं, परन्तु विभिन्न समाचार पत्रों एवं एजेंसी के माध्यम प्राप्त जानकारी से पता चला कि राज्य सरकारें विश्वविद्यालय की स्वायत्ता का हनन करते हुए स्वयं निर्णय ले रही हैं. अभाविप का परीक्षा के संदर्भ में स्पष्ट मत है, कि ऐसा कोई भी विकल्प नहीं अपनाना चाहिए.जिससे दीर्घकाल में एक भी छात्र का न अहित हो. इस covid 19 परिस्थिति मे मार्क्स को बढ़ाया जा सकता हैं.! जिससे घर बैठे विद्यार्थी अपना कार्य पूर्ण करेंगे.
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों से संवाद के आधार पर शिक्षा संबन्धी शंकाओं को सुस्पष्ट करते हुए अभाविप सामान्य प्रोन्नति की अपेक्षा कैरी ओवर, रिपोर्ट तैयार करना, सतत विद्यार्थी मूल्यांकन सहित विभिन्न परीक्षा पद्धतियों को अपनाने की मांग करती है.
प्रतिनिधिमंडल वार्ता के दौरान महामहिम ने राज्य सरकार को उपरोक्त बिंदुओं पर निर्देशित करने का बात कही है.
इस दौरान प्रो.नाथु गाड़ी प्रदेश अध्यक्ष,अभाविप झारखण्ड, याज्ञवल्क्य शुक्ल, प्रदेश संगठन मंत्री,अभाविप झारखण्ड बर्खा कुजूर, रांची वि.वि, रांची दुर्गेश कुमार महानगर मंत्री, रांची उपस्थित थे.