पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में अम्फान के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है. राज्य सरकार, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत कार्य में लगे हैं. इस बीच ममता सरकार ने प्रभावित इलाकों में जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए सेना, रेलवे और बंदरगाह से मदद मांगी है. निजी संस्थाओं से भी कर्मियों और उपकरणों को उपलब्ध कराने को कहा है.
राज्य के गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार लगातार राहत कार्य और जरूरी चीजों की बहाली में लगी है. राज्य सरकार ने सेना, रेलवे और बंदरगाह से मदद मांगी है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. गृह विभाग ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि प्रदेश सरकार ने एकीकृत कमान के तौर पर आवश्यक आधारभूत ढांचों और सेवाओं को बहाल करने के लिये अधिकतम ताकत झोंक दी है.
लॉकडाउन से प्रभावित हुई है तैनाती क्षमता
गृह विभाग ने कहा, “जहां जरूरत है वहां जनरेटरों को किराये पर लिया जा रहा है. विभिन्न विभागों और निकायों के 100 से ज्यादा दल गिरे हुए पेड़ों को काटने में लगे हुए हैं जो मोहल्लों में बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिये अहम है.” उसने कहा, “डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और सीईएससी से अधिकतम कर्मियों को लगाने को कहा गया है, हालांकि लॉकडाउन की वजह से तैनाती क्षमता काफी प्रभावित हुई है. पुलिस हाई अलर्ट पर है.”
ममता ने कहा, एक लाख करोड़ का हुआ नुकसान
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से रेलवे को भेजे एक पत्र में कहा गया कि राज्य 20-21 मई को सुपर साइक्लोन अम्फान से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है. प्रभावित जिलों में राहत और मरम्मत का काम चल रहा है, ऐसे में ट्रेनों का संचालन 26 मई तक न किया जाए.
शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने राज्य में आपदा से फौरी राहत के लिए 1000 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में चक्रवात से 1 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.