रांची: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कोरोना संक्रमण से एग्रीकल्चर सेक्टर बेहद प्रभावित हुआ है. केंद्र सरकार ने जो भी पैकेज दिये हैं, उसमें किसानों को तुरंत राहत देने वाला एक भी नहीं है.
ऐसे में राज्य सरकार को अपने रिसोर्सेज से इससे निपटना है. कर्ज माफी की तैयारी की जा रही है. किसान राहत कोष ट्रस्ट तैयार किया जा रहा है. पत्रलेख गुरुवार को बीएनएन भारत से विशेष बातचीत कर रहे थे.
पत्रलेख ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए 200 करोड़ का उपबंध किया गया है. सब्जियों के लिए न्यू्नतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए गए हैं.
लंबी अवधि तक सब्जियों के स्टोरेज के लिए 16 जिलों में कोल्ड स्टोरेज तैयार किए गए है. वेजफेड को सक्रिय किया जा रहा है. एनडीडीबी से फिर से करार करने पर विचार किया जा रहा है.
मंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में मनरेगा के द्वारा प्रवासियों को रोजगार मिलने की संभावनाएं है. हर एक पंचायत में 250 से 300 प्रवासी मजदूर होंगे.
फलदार वृक्ष भी लगाए जाएंगे. कुछ डोभे भी बनेंगे. 15 करोड़ रुपये के बीज भी किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे. मत्स्य को लेकर लोगों में भ्रांति फैली हुई है. लेकिन अब लोग इस अफवाह से बाहर हो रहे हैं. किसानों का 2000 करोड़ का कर्ज माफ होना है. इसकी ड्राफ्टिंग अंतिम चरण में है.