अंदर की बात:-
-
झारखंड ऊर्जा संचरण निगम और जरेडा से एमडी को कितना हुआ था भुगतान, एसीबी ने ली जानकारी
-
पूर्व एमडी निरंजन कुमार द्वारा निपटाए गए सभी कार्यों की मांगी सूची, 170 करोड़ की अनियमितता का है आरोप
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा वित्तीय अनियंतिता व गड़बड़ी को लेकर निरंजन कुमार के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद एसीबी ने गुरुवार को ही प्राथमिकी दर्ज कर ली थी और एसीबी की टीम ने शुक्रवार को जरेडा कार्यालय, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम कार्यालय सहित ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी को लेकर आधिकारिक और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है.
बताते चलें कि शुक्रवार को दिन के लगभग 11: 30 बजे एसीबी की टीम झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड और जरेडा कार्यालय में पहुंची. वहां पर पहुंच कर एसीबी की टीम ने पूर्व निदेशक निरंजन शर्मा के बारे में विस्तृत जानकारी ली. सूत्रों के अनुसार एसीबी की टीम ने पूर्व निदेशक के घर का पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी की जानकारी ली.
निपटाए गए कार्यों की जानकारी ली
एसीबी की टीम ने जरेडा और झारखंड संचरण निगम लिमिटेड से पूर्व निदेशक को हुए वेतन भुगतान की राशि का भी ब्योरा लिया. साथ ही दोनों जगहों पर अपने कार्यकाल के दौरान जतने भी कार्यों का निष्पादन किया, उसकी भी विस्तृत जानकारी ली.
सीएम ने दिया था जांच का आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निरंजन कुमार (इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस) के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने का आदेश दिया था. उनके खिलाफ अपने पुराने परिचयों का दुरुपयोग कर जेयूएसएनएल तथा जरेडा का निदेशक बनने, उस पद हेतु कोई भी तकनीकी अहर्ताएं पूरी नहीं करने, 27 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र सरकार अथवा डीओपीटी में अभी तक प्राप्त नहीं होने की शिकायत मिली है.
अवैध रुप से वेतन निकासी समेत कई और आरोप
निरंजन कुमार के खिलाफ इस अवधि में अपने वेतन की निकासी अवैध रुप से करने एवं सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने एवं सपरिवार विदेश भ्रमण करने, अपनी संपत्ति विवरण में अपनी पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने तथा निविदा में मनमानी तरीके से किसी कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने तथा विभिन्न निविदा में बगैर बोर्ड की सहमति के निविदा की शर्तें बदलने का आरोप है.