रांची : हरमू स्थित विद्युत शवदाह गृह में डेड बॉडी को जलाकर शुक्रवार को इसका सफल परीक्षण कर लिया गया. डेड बॉडी रिम्स से लायी गयी थी. लाश को चिमनी में डाला और 30 मिनट में पूरी लाश जल गयी. मौके पर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय वार्ड 26 के वार्ड पार्षद अरूण कुमार झा के अलावा मारवाड़ी सहायक समिति के सारे सदस्य मौजूद थे. विद्युत शवदाह गृह के संचालन का जिम्मा मारवाड़ी सहायक समिति को दिया गया है. इस संबंध में मारवाड़ी सहायक समिति के अध्यक्ष प्रदीप राजगढि़या ने बताया कि पहला दिन था इसलिए लाश जलने में थोड़ा समय लगा. परीक्षण सफलतापूर्वक हो गया. लगभग 12.15 बजे रिम्स से लाश लाया गया.
अभी शुल्क तय नहीं : मेयर
मौके पर मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि विद्युत शवदाह गृह में शुल्क का निर्धारण अभी तय नहीं किया गया है. इसे जल्द ही तय कर लिया जायेगा. पूरे विधि-विधान करने के बाद ही लाश को जलाया जायेगा. इसका नाम भी नगर निगम के द्वारा तय किया जायेगा. बहुत समय से इसेे चालू करने को लेकर प्रयासरत थे. इसका लाभ लोगों को मिलेगा. वहीं, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि शवदाहगृह कोरोना जैसी महामारी के समय कारगर साबित होगा. इससे प्रदूषण भी नहीं होगा.
1800 रुपये का प्रस्ता़व दिया गया है:
प्रदीप राजगढि़या ने बताया कि यहां शुल्क के तौर पर 1800 रुपये का प्रस्ताव नगर निगम को दिया गया है. लेकिन, इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. शुल्क का निर्धारण जल्द ही कर लिया जायेगा.
टेस्टिंग हो चुकी है:
अध्यक्ष प्रदीप राजगढ़िया ने बताया कि शवदाह गृह में नई टेक्नोलॉजी से डेड बॉडी जलाई जाएगी. साफ-सफाई का काम भी लगभग पूरा कर लिया गया है. सारे मशीनोंं को दुरुस्त कर दिया गया है, उसकी टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है. सिलिंडर भी लगा दिया गया है.
एक शव को जलाने में एक गैस सिलिंडर लगेगा:
पहले बिजली से डेड बॉडी जलाने की व्यवस्था थी उसे हटा दिया गया है. यहां लगाए गए चेंबर को गैस से ही गर्म किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एक गैस सिलेंडर में एक डेड बॉडी पूरी तरह जल जाएगी. बॉडी जलाने में लागत काफी कम आएगी और लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होने से पर्यावरण का भी संरक्षण होगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल शवदाहगृह के अंदर और बाहर बचे हुए कार्यों को पूरा कराया जा रहा है.