रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की सैलरी से ज्यादा कंपनी में उनके रिश्तेदारों की सैलरी है। जहां अंबानी ने लगातार 11वें साल अपनी सैलरी को बढ़ाया नहीं है, वहीं कंपनी के बोर्ड में मौजूद उनके रिश्तेदारों की सालाना सैलरी में इजाफा किया गया है। वहीं नीता अंबानी को मिलने वाली फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। कंपनी ने शुक्रवार को अपने वित्तीय परिणामों को जारी किया था। इसके अनुसार कंपनी को सात फीसदी ज्यादा मुनाफा हुआ था। वहीं जियो की आय में भी 44 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। मुकेश अंबानी ने 2008-09 से अपनी सैलरी में किसी तरह का कोई इजाफा नहीं किया है। कंपनी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार आज भी उनकी सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपये है। इसमें कमीशन, अलाउंस, अन्य लाभ आदि शामिल हैं। मुकेश अंबानी को 2018-19 में 4.45 करोड़ रुपये सैलरी और अलाउंस के तौर पर, कमीशन 9.53 करोड़ रुपये, अन्य लाभ 31 लाख रुपये और रिटायरमेंट लाभ के तौर पर 71 लाख रुपये मिले थे।
मुकेश अंबानी के दो रिश्तेदार भी कंपनी के बोर्ड में पूर्णकालिक निदेशक हैं। निखिल मेसवानी और हितल मेसवानी की सालाना सैलरी 20.57 करोड़ रुपये हो गई है। 2017-18 में इन दोनों भाइयों को 19.99 करोड़ रुपये, 2016-17 में 16.58 करोड़ रुपये, 2014-15 में 12.03 करोड़ रुपये सैलरी मिली थी। वहीं 2015-16 में निखिल को 14.42 करोड़ और हितल को 14.41 करोड़ रुपये सैलरी के तौर पर मिले थे।
कंपनी के एग्जिक्यूटिव निदेशक पी एमएस प्रसाद और रिफाइनरी के मुख्य अधिकारी पवन कुमार कपिल की सैलरी में भी पिछले साल के मुकाबले इस साल भी सैलरी में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इन दोनों व्यक्तियों की सैलरी क्रमशः 10.01 करोड़ और 4.17 करोड़ रुपये हो गई है।
कंपनी की गैर-कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी और एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य को मिलने वाले कमीशन और फीस में भी इजाफा किया गया है। जहां नीता अंबानी को कमीशन के तौर पर 1.65 करोड़ रुपये कमीशन और सात लाख रुपये सिटिंग फीस के तौर पर मिले, वहीं भट्टाचार्या को 75 लाख रुपये कमीशन और सात लाख रुपये बोर्ड की बैठक में शामिल होने के तौर पर मिला।
कंपनी के बोर्ड में अन्य गैर-पूर्णकालिक निदेशकों में मानसिंह एल भक्ता, योगेंद्र पी त्रिवेदी, दीपक सी जैन, रघुनाथ माशेलकर, अदिल जैनुलभाई, रमिंदर सिंह गुजराल और शुमित बैनर्जी शामिल हैं।