दिल्ली: कोरोना संकट के कारण दिल्ली के बॉर्डर सील हैं, जिसके कारण लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज एक याचिका पर सुनवाई हुई.
कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है. इस बीच, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आजतक से खास बातचीत में कहा है कि मूवमेंट के पास आरोग्य सेतु से ही जेनरेट हों.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के कारण एनसीआर में कोरोना के केस ज्यादा बढ़े हैं. ये बात पहले भी कई बार उठी है, जब हरियाणा ने अपने बॉर्डर को सील किया. फिर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि बॉर्डर को खोला जाए. हमारी ओर से रातों-रात ई-पास शुरू किए गए. डिप्टी सीएम ने कहा कि अब जब अनलॉक-1 शुरू हुआ तो दिल्ली ने अपनी ओर से सख्ती बढ़ाई और अब सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं.
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि हरियाणा इस मामले को लेकर गंभीर हैं, लेकिन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को ध्यान में रखते हुए फिजिकल डिस्टेनसिंग का पालन करना होगा. कोरोना से जंग जीतने के लिए हमें फिजिकल डिस्टेनसिंग को बनाकर रखना होगा. बॉर्डर पर सख्ती तो सबको रखनी होगी.
दुष्यंत चौटाला ने आगे कहा कि गुरुग्राम में हाल में जितने केस आए हैं वो दिल्ली के कारण हैं. यूपी सरकार भी बॉर्डर पर सख्ती कर रही है. सरकारों को मिलकर रास्ता निकालना होगा. हम तो कोशिश कर रहे हैं कि तीनों राज्य मिलकर कुछ ऐसा करें जिससे रोज जो लोग आते-जाते हैं उनके लिए कोई व्यवस्था हो. अनलॉक का दूसरा चरण जो 8 जून से शुरू होगा उससे पहले हमें रास्ता निकालना होगा.
उन्होंने कहा कि किसी को नहीं पता था कि लॉकडाउन दो महीना चलेगा. लॉकडाउन के कारण भी कोरोना के केस 2 लाख से ज्यादा हैं. ये किसी को नहीं पता था. आज व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. डिप्टी सीएम ने कहा कि इंडस्ट्री में जो लोग काम करने आते हैं उनके लिए हमने ई-पास जारी किए, लेकिन जो लोग बिना ई-पास के आएंगे, ऐसे में सरकार सख्ती तो करेगी.