नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए, वो विदेशी नागरिक जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आये थे, उनसभी के वीजा रद्द कर भारत सरकार ने उन सभी पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
इसका मतलब यह है कि ये सभी विदेशी नागरिक अब अगले 10 साल तक भारत नहीं आ सकेंगे. अगर वो किसी और तरीके या दूसरे पासपोर्ट से भारत में घुसने की कोशिश करते हैं तो उन्हें घुसपैठिया समझकर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. विभिन्र समाचार साधनों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित नागरिकों की संख्या लगभग 1000 हजार है.
लगभग 1000 विदेशी तबलीगी जमात के सदस्य हैं, जिन्होंने भारत का दौरा किया और पूरे देश में तबलीगी गतिविधियों में पर्यटक वीजा पर भाग लिया. इन्हें 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि संख्या और बढ़ सकती है.
आरोपियों पर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने देश में महामारी फैलाने जैसा कुकृत्य भी किया है, जिससे तमाम बेकसूर लोग प्रभावित हुए.
किन धाराओं में चार्जशीट दायर हुई ?
-वीजा के नियमों के उल्लंघन का आरोप
-महामारी एक्ट के उल्लंघन का आरोप
-आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन
-धारा 144 का उल्लंघन
-खतरनाक बीमारी के संक्रमण के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप
-क्वॉरन्टीन के नियमों को नहीं मानने का आरोप
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे. उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संख्या में फैल गया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तब्लीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही इनके वीजा को रद्द कर दिया गया था.
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था.