रांची: झारखंड के आदिम जनजाति के लोगों ने देश दुनिया के सामने नजीर पेश की है. उन्होंने पैसों की जगह पर्यावरण संरक्षण को तरजीह दी. उनके इसे जज्बे के कारण आज 36 हजार पौधे लहलहा रहे हैं.
यह कहानी राज्य के साहेबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के तेलियागढ़ी गांव की है. यहां के सामू पहाड़िया और दसिया पहाड़िया आदिम जनजाति के हौसले की बदौलत आज उनकी जमीन पर 36 हजार पौधे लहलहा रहे हैं. सकरोगढ़ दामिन क्षेत्र में यह पौधे नमामि गंगे के तहत वन विभाग की ओर से लगाए गए हैं.
इलाके में रहने वाले दसिया पहाड़िया ने बताया कि उनकी जमीन को खनन के लिए व्यवसायी मांग रहे थे. हालांकि अपनी बंजर पड़ी जमीन को हरा भरा करने के लिए सामू पहाड़िया और अन्य लोगों ने वन विभाग को उपलब्ध कराया. इसकी बदौलत आज हजारों पौधे धरा की शोभा बढ़ा रहे हैं. पर्यावरण का संरक्षण भी हो रहा.
इस इलाके के आसपास एक ओर जहां जमीन को खोदकर पत्थर निकाला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सामू और दसिया पहाड़िया की जमीन पर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे हैं. इसमें टिंबर और फलदार पौधे भी शामिल हैं.
वन विभाग के रेंज पदाधिकारी रविंद्र तिवारी कहते हैं कि नमामि गंगे के तहत जमीन पर लगाए गए इन पौधों से आने वाले समय में पहाड़िया समाज के लोगों को जबरदस्त लाभ मिलेगा.