रांची: आज कोरोना महामारी का रूप ले लिया है. इससे देश का कोई राज्य अछूता नहीं है. दिनों-दिन कोरोना के संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन, इससे इतर मरीजों के ठीक होने का भी आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हर दिन मरीज कोरोना को हराकर अपने घर लौट रहे हैं. देश में 119293 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं. जो अच्छे संकेत हैं.
वहीं, अगर राज्यों में कोरोना मरीजों के ठीक होने की स्थिति पर गौर करें तो आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. भले यह आंकड़ा संक्रमितों से कम है. वहीं, झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1030 है और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, 410 है. यानी, झारखंड में लगभग 40 प्रतिशत मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं. इनमें राजधानी रांची में सबसे अधिक 121 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं. वहीं,पूर्वी सिंहभूम में 29 व गढ़वा में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 58 है.
झारखंड में अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या इस प्रकार है:
जिला का नाम- ठीक होने वाले मरीजों की संख्या
- बोकारो-20
- चतरा-01
- देवघर-05
- धनबाद- 11
- दुमका-04
- पूर्वी सिंहभूम-29
- गढ़वा-58
- गिरिडीह-17
- गोड्डा-01
- गुमला-01
- हजारीबाग-52
- जामताड़ा-02
- खूंटी-00
- कोडरमा-31
- लातेहार-07
- लोहरदगा- 02
- पांकुड़-03
- पलामू-17
- रामगढ़-10
- रांची-121
- साहेबगंज-00
- सरायकेला-01
- सिमडेगा-14
- प सिंहभूम-03
आठ जिलों में कोरोना मरीज के दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं किया
झारखंड के आठ जिले ऐसे हैं जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 से कम है. यह उन जिलों के लिए राहत भरी खबर है. इन जिलों में भी सैंपलों की जांच लगातार की जा रही है. ये जिले चतरा-01, देवघर-05, दुमका-04, गोड्डा-01, जामताड़ा-02, लोहरदगा-06, खूंटी-08, पांकुड़-05 व साहेबगंज-03 हैं.
जिला प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में सहयोग की अपील की है. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक अपने घरों से बाहर ना निकलें, मास्क का प्रयोग करें, नियमित हाथों को साबुन से धोयें या सैनिटाइजर का प्रयोग करें. यहां-वहां न थूकें तथा सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन करें.
इस लॉकडाउन में स्वास्थ्य संबंधी कुछ नयी आदतें बनीं
कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश ने लॉकडाउन जैसी बंदीशों को झेला. अब अनलॉक-1 चल रहा है लेकिन, इस लॉकडाउन ने लोगों को स्वस्थ और स्वच्छ-रहने की आदत सीखा डाली. इन आदतों को लोग अपने दिनचर्या में बड़े ही सहज ढंग से शामिल कर लिया है. जो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को हद तक नियंत्रण करने में मददगार साबित हो रही है.