नई दिल्ली: चीनी वायरस कोरोना से दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में पिछले 6 महीने से हाहाकार मचा है. इस चीनी वायरस की चपेट में अबतक दुनियाभर में तकरीबन 70 लाख लोग आ चुके हैं जबकि 4 लाख से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है.
कोरोना के जानलेवा वायरस को मात देने के लिए या फिर इससे लड़ने के लिए दुनिया भर में रिसर्च जारी है लेकिन अबतक ना तो कोई दवाई बन पाई है और न ही कोई वैक्सीन. दुनियाभर के देशों में कोरोना की दवाई और वैक्सीन पर रिसर्च जोरों पर है.
दुनियाभर के वैज्ञानिक और रिसर्चर कोरोना वैक्सीन या कोरोना मरीजों के लिए इलाज करने वाली दवा पर रिसर्च कर रहे हैं. ऐसे में हिसार के नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वॉइन्स (NRCE) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कुछ हर्बल पौधों में ऐसे कम्पाउंड पाए गए हैं, जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है.
नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वॉइन्स (NRCE) संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR)तहत काम करता है. आईसीएआर ने इस रिसर्च को लेकर एक नोट भी जारी किया है. जिसमें दावा किया गया है कि इससे कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वैज्ञानिकों को मदद मिल सकती है.
खबरों के मुताबिक, NRCE के डिप्टी डायरेक्टर जनरल बीएन त्रिपाठी ने कहा है, यह एक ऐसी लीड है, जिससे नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वॉइन्स (NRCE) के वैज्ञानिकों को कई वायरस के खिलाफ अच्छे नतीजे दिए हैं. कोरोना मरीज के इलाज में कौन सा हर्बल पौधा काम आ सकता है? इस सवाल का जवाब देने से बीएन त्रिपाठी ने मना कर दिया. उन्होंने कहा, फिलहाल मैं सिर्फ इतना बता सकता हूं कि वे हर्बल प्लांट्स देश में कई आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में इस्तेमाल हो रहे हैं.
कोरोना महामारी के शुरू होते ही केन्द्र के वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी परंपरागत दवाओं पर तेजी से परीक्षण शुरू किया जिनका उपयोग मनुष्य में पहले कभी न कभी अन्य बीमारियों में हो चुका है और पूर्णतया सुरक्षित मानी जाती है.
ऐसी दवाएं सामान्यतया सीधे वायरस पर टारगेट करने की बजाय होस्ट की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं. इस दिशा में एक कम्पाऊंड VTC-antiC1 ने मुर्गी के भ्रूणों को कोरोनावायरस (इन्फैकशियस ब्रांइकाइट्स वायरस) के खिलाफ न केवल पूर्णतया सुरक्षा प्रदान की अपितु भ्रूणों के विकास को भी सामान्य बनाए रखा.
इसके बाद इस दवा को अन्य विषाणुओं जैसे एन.डी.वी. (आर.एन.ए. वायरस) एवं बफैलोपॉक्स (डी.एन.ए.वायरस) में भी सफल परीक्षण किया गया. उपरोक्त सभी परिणाम इस ओर इंगित करते है VTC-antiC1 कोविड-19 के खिलाफ कारगर साबित हो सकता है. आईसीएआर का कहना है कि इस दिशा में अभी और परिक्षण जारी हैं.