लखीसराय: कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन का प्रभाव आम जनजीवन पर पड़ा है. सबसे अधिक परेशानी दूसरे राज्यों में रहकर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को झेलनी पड़ी है. घर वापसी के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था. राज्य सरकार ने नौकरी देने की उम्मीद देकर उन्हें वापस तो बुला लिया लेकिन, अब सरकार फेल होती दिख रही है.
सरकार की नाकामी का ताजा नजारा लखीसराय के किउल रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. लॉकडाउन के दौरान राज्य वापस लौटे कुछ मजदूरों को जब स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिला तो वे अनलॉक-1 के लागू होते ही वापस लौट रहे हैं. उन्हें कोरोना महामारी से ज्यादा रोजगार के अभाव में भूखे मरने का डर सताने लगा है.
स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते मनीष कुमार और 3 अन्य दिहाड़ी मजदूरों ने लॉकडाउन के कारण वह 2 महीने से अपने घर में थे. यहां कमाने का कोई विकल्प नहीं मिल रहा था. गांव में कोई काम नहीं मिलने के कारण उन्होंने यह फैसला किया कि वे दूसरे राज्य जाएंगे. उन्होंने बताया कि वे पश्चिम बंगाल के आसनसोल जाकर काम की तलाश करेंगे.
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार के पास मजदूरों को रोजगार देने के लिए कोई विकल्प नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई भगवान तो हैं नहीं कि रातों-रात रोजगार पैदा कर देंगे. अब मजदूरों को यहां रोजगार नहीं मिलेगा तो वे बाहर जाएंगे ही.