नई दिल्ली: दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन ने विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था को बहुत निचे गिरा दिया है. ऐसे में विश्व बैंक ने भारत के अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है, विश्व वैंक का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी सिकुड़ जाएगी.
विश्व बैंक का कहना है कि भारत में कोरोना महामारी के कारण कई चरणों में लगे लॉकडाउन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त दुष्प्रभाव पड़ा है.
बता दें कि सिर्फ विश्व बैंक ही नहीं कई वैश्विक एजेंसियों ने भारत की वृद्धि दर में गिरावट का अनुमान लगा चुतके हैं. विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक भारत में जीडीपी ग्रोथ -3.2% चला जाएगा.
विश्व बैंक ने भारत को लेकर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के नए संस्करण में भारत का अनुमान पेश करते हुए 9% की कटौती कर दी है. जिसमें ये कहा गया है कि 2021 में ये बाउंस बैक करेगी. 2019-20 की बात करें तो इसमें भारत की विकास दर 4.2% रहा गई, वहीं 2020-21 में कोरोना के कारण 3.2% तक घटने का अनुमान है.
विश्व बैंक की ग्लोबल इकनॉमिक प्रास्पेक्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए लगाए नियमों के कारण कुछ ही दिनों में कारोबारी गतिविधियां एक दम रूक सी गई, इसी कारण अर्थव्यवस्था सिकुड़ जाएगी.
हाल ही में रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है, जिसमें फिच ने कहा की कोरोना की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 फीसदी की गिरावट आएगी. इसके अलावा रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने तो चेतावनी दे दी है कि भारत में आजादी के बाद चौथी सबसे भयानक मंदी आने वाली है.
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर फिच ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण देश में सख्त लॉकडाउन की नीति लागू की गई है, जिसके चलते सभी आर्थिक गतिविधियां लगभग रुक गई है और इन में जबरदस्त गिरावट देखी गई है. जिसका सीधा असर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पर पड़ेगा.