रांची : अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू ) ने छात्र छात्राओं के प्रमुख मुद्दों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. आजसू ने राज्य सरकार के प्रति छात्र छात्राओं के प्रति उदासीनता दिखाने के प्रति रोष व्यक्त किया है। आज छात्र छात्राओं को लॉज-होस्टल एवं किराए के फ्लैट-रूम में रह रहे लाखों छात्र छात्राओं की सरकार द्वारा सुध ना लेने एवं लॉकडाउन रूपी विकट परिस्थिति में परिवारों के आर्थिक आधार बंद होने के बाद भी मकानमालिकों द्वारा रेंट के लिए किए जा रहे प्रताड़ना के प्रति सरकार की निरंकुशता के खिलाफ आजसू के कार्यकर्ताओं एवं छात्र छात्राओं के एक दिवसीय अनशन किया। आज किये गए इस सांकेतिक अनशन में छात्र छात्राएं भी शामिल हुए।
आजसू के जमाल गद्दी ने कहा कि यह राज्य की विडंबना है कि लॉकडाउन से ठीक पहले सरकार आदेश करती है कि लॉज-हॉस्टल आदि खाली करा लिए जाएं, लॉज- हॉस्टल संचालक एवं मकानमालिक भी छात्र छात्राओं को अपने घर चले जाने का आदेश देते है और अब वही लॉज- हॉस्टल संचालक एवं मकानमालिक लॉकडाउन अवधि का किराया के लिए दबाव बना रहे है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। यह वही सरकार है जो विपक्ष में रहते युवाओं के प्रति मुखर रहने का दावा करती थी परंतु सत्ता में आते ही पहले जे.पी.एस.सी. परीक्षा को बेचा, स्कूल फी माफी रूपी ड्रामा कर अभिभावकों के उम्मीद को चकनाचूर किया और लॉकडाउन अवधि के किराया रूपी मामले पर छात्र छात्राओं के गुहार को नजरअंदाज कर रहे है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द नींद से नही जागती है तो युवा छात्र छात्राएं सरकार का बहिष्कार करेंगे।