रांची: कोरोना संकटकाल में पूरी दुनियाभर में अर्थव्यवस्था के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग में लगे करोड़ों लोगों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है लेकिन रांची की कुछ महिलाओं ने संकट और चुनौती की इस घड़ी को अवसर में बदलने में सफलता हासिल की है.
इन महिलाओं ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के नारे को सार्थक करने का काम किया. कोरोना वायरस संक्रमण के काल में उद्योग और रोजगार की गति जब भी धीमी पड़ने लगी थी तब आजीविका मिशन से जुड़ी वैजयंती कुमारी और अनुराधा रंजन जैसी महिलाओं ने वह कर दिखाया जो उन्होंने कभी नहीं किया था.
रांची की इन महिलाओं ने बहुत ही कम समय में पर्सनल प्रोटेक्शन सूट, फेस मास्क और फेस शिल्ड बनाना सीखा और रिकॉर्ड उत्पादन किया. महिलाओं के इस मेहनती और साहसिक कदम का उन्हें लाभ मिल रहा है. काम के एवज में उन्हें अच्छी खासी कमाई भी हो रही है.
झारखंड राज्य आजीविका मिशन के ट्रेनिग कम प्रोडक्शन सेंटर (टीपीसी) के निशांत देव का कहना है कि बड़े पैमाने पर फेस मास्क, फेस शिल्ड और पर्सनल प्रोटेक्शन सूट का निर्माण कर वोकल फोर लोकल के मूल मंत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रांची के इस सेंटर से अब तक साठ हजार से अधिक फेस मास्क बनाए गए हैं. इसी प्रकार महिलाएं फेस शिल्ड और पर्सनल प्रोटेक्शन सूट का भी निर्माण कर रही हैं.
निशांत देव बताते हैं कि महिलाओं द्वारा बनाए गए इन उत्पादों की डिमांड बाजार में काफी अधिक है. रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रिम्स और खादी बोर्ड के अलावा कई बड़े व्यापारी इन उत्पादों के खरीदार हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब यातायात के सभी साधन बंद थे. तब भी सेंटर की ओर से विशेष बस की व्यवस्था की गई थी. जिसके माध्यम से समूह की महिलाओं को घरों से सेंटर और काम के बाद सेंटर से घरों तक पहुंचाया जाता था.
निशांत देव ने बताया कि गृह मंत्रालय के गाइडलाइन का पालन करते हुए यहां पर काम के दौरान सामाजिक दूरी का विशेष ख्याल रखा जाता है. महिलाएं मास्क पहन का ही काम करती हैं. इसके साथ ही समय-समय पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि सुरक्षित माहौल में काम किया जा सके.
सामान्य परिवार से आने वाली इन महिलाओं ने प्रधानमंत्री के आह्वान को जीवन का मूल मंत्र बनाया और चुनौती को अवसर में बदल डाला. महिलाओं की मेहनत का ही परिणाम है कि कभी ऊंचे दाम में मिलने वाले फेस मास्क और फेस शिल्ड जैसे उत्पाद अब लोगों को कम दाम पर आसानी से मिल जा रहे हैं.