रांची ; रांची के एक संस्थान से पॉलीटेक्निक की पढ़ाई कर चुके दो पूर्व छात्र साइबर क्रिमिनल निकले हैं. इन्होंने पिछले वर्ष डिप्लोमा पूरा किया था. इनमें एक बोकारो और दूसरा देवघर का निवासी है. ये शातिर पेटीएम-फोन पे पर लिंक भेजकर कैश बैक रिवार्ड का लालच देकर रुपए उड़ाते थे. इस काम के लिए देवघर के दो युवक फर्जी नाम-पते के सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे. रकम की निकासी के बाद आपस में हिस्सा-बांट लेते थे.
पुलिस ने चंद्रपुरा के एक मामले में पेटरवार के अंगवाली उत्तरी पंचायत के राजाटांड़ निवासी हीरालाल नायक के पुत्र देव नायक व देवघर के चित्रा थाना क्षेत्र के दुमदुमी निवासी जगदेव दास के पुत्र मिथिलेश कुमार दास के अलावा इसी इलाके के सिद्धेश्वर दास के पुत्र उत्तम कुमार दास को उनके आवास से गिरफ्तार किया है.
बेरमो थाना में एएसपी अंजनी अंजन ने रविवार को इस गिरोह की जानकारी पत्रकारों को दी.
पेटरवार के अंगवाली के देव व देवघर चितरा के दुमदुमी के मिथिलेश ने रांची के एक संस्थान से वर्ष 2016-19 तक पॉलीटेक्निक डिप्लोमा साथ किया. इसके बाद दोनों साइबर क्राइम की दुनिया में जा घुसे. पढ़ाई पूरी होने पर देव व मिथिलेश बिरसा चौक रांची में किराए पर रहने लगे. लॉकडाउन से पहले अपने-अपने घर चले गए. देव को इस धंधे में मिथिलेश लेकर आया और मिथिलेश को इस धंधे में उसका चचेरा भाई अजय कुमार दास लेकर आया. देवघर में ही साइबर क्राइम के ही मामले में छह जून को गिरफ्तार अजय अभी जेल में है.
इंजीनियरिंग छात्र कई शहरों में कर चुके हैं साइबर अपराध :
पूछताछ में इन अपराधियों ने लातेहार जिले के अलावा बोकारो जिले में गोमिया, बोकारो थर्मल व चन्द्रपुरा में साइबर क्राइम की घटना में संलिप्तता स्वीकार की है। बेरमो पुलिस के अनुसार पिछले कई वर्षों से ये पेशेवर साइबर अपराधी बने हुए थे।
देव का काम था कस्टमर को रिक्वेस्ट भेजना:
देव पेटीएम-फोन पे पर कस्टमर को धोखा देकर कैश बैक रिवार्ड का लालच देते हुए रिक्वेस्ट का लिंक भेजा करता था। इस लिंक पर जाते ही ब्राउजर का साइड खुलता था। उसके बाद यूपीआइ पेमेंट करता था और एकाउंट में रकम रहने पर कट जाता था और नहीं रहने पर नहीं कटता था। इसके बाद देव अपने साथी मिथिलेश के एकाउंट में उस रकम को भेज देता था। वहीं मिथिलेश इस रकम में 20 प्रतिशत काटकर शेष रकम देव के ही एकाउंट में वापस भेज देता था।