अमृतसर: ‘हर सिख चाहता है खालिस्तान’ श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इस बयान के बाद से विदेश में बैठे खालिस्तानी सक्रिय हो गए है. खालिस्तान की मूवमेंट को हवा देने के लिए रेफरेंडम 2020 के माध्यम से पंजाब के नौजवानों को गुमराह कर रही संस्था सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को एक पत्र लिखा है.
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इसमें उन्होंने कहा है कि वह पंजाब में 4 जुलाई को रेफरेंडम 2020 के लिए मतदाता पंजीकरण शुरू कर रहा है. इस प्रयास में सिख फॉर जस्टिस श्री अकाल तख्त साहिब का आशीर्वाद चाहती है. पत्र में पन्नू ने चार जुलाई 1955 की उस घटना का भी उल्लेख किया, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री भीम सेन सच्चर के शासन काल के समय पंजाब पुलिस श्री हरमंदिर साहिब में प्रवेश कर गई थी.
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पंजाबी सूबे की मांग को लेकर आंदोलन कर रही तत्कालीन अकाली लीडरशिप और उनके हजारों समर्थकों को बाहर निकालने के लिए तत्कालीन जालंधर रेंज के पुलिस अधिकारी अश्वनी कुमार ने अगुवाई की थी. पन्नू ने जत्थेदार से आग्रह किया कि श्री दरबार साहिब के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के 65वें वर्ष में इस साल चार जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब में अरदास में शामिल होने के लिए संगत को आमंत्रित किया जाना चाहिए.