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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात की
रांची: झारखंड में 19 जून को राज्यसभा की दो सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है. तेजी से बनते-बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को रांची में आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो से मुलाकात की. आजसू पार्टी के दो विधायक है और राज्यसभा चुनाव में एक सीट की जीत में आजसू पार्टी विधायकों का वोट ही दूसरी सीट के लिए हार-जीत का समीकरण तय करेगा.
झारखंड विधानसभा में दलीय आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा चुनाव में दो सीटों में से पहली सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत तय मानी जा रही है, जबकि दूसरी सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दीपक प्रकाश और कांग्रेस प्रत्याशी शहजादा अनवर के बीच कड़ा मुकाबला है.
82सदस्यीय झारखंड विधानसभा में दो सीट अभी रिक्त है, जबकि राज्यसभा चुनाव में आंग्ल इंडियन एक मनोनीत सदस्य भी वोट नहीं डालते है, ऐसे में 79 विधायक ही वोट करेंगे. जिस कारण एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए प्रथम वरीयता के कम से कम 27 मतों की जरुरत होगी.
वर्ष 2019 में संपन्न विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दो सीटों से जीत हासिल की थी. संवैधानिक बाध्यता के कारण उन्होंने दुमका सीट से त्यागपत्र दे दिया. इस तरह से झामुमो के 29 विधायक वोट करेंगे, इनमें झामुमो के पास दो सरप्लस वोट है, जो कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में जाने की संभावना है.
जबकि कांग्रेस के 16 विधायक चुनाव जीत कर आये थे, जिनमें से बेरमो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह का निधन हो गया, इस तरह से कांग्रेस की एक सीट घट गयी. लेकिन झाविमो के तीन में से दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने भाजपा में जाने से इंकार कर दिया और वे कांग्रेस में आ गये. फिलहाल आयोग ने उन्हें निर्दलीय मतदाता के रूप में राज्यसभा चुनाव में वोट करने की अनुमति दी है.
इसके अलावा कांग्रेस उम्मीदवार को सरकार में सहयोगी दल राजद के एक सदस्य, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य और भाकपा-माले के एक सदस्य ने यूपीए को वोट देने की घोषणा की है. इस तरफ कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में 22 वोट साफ तौर पर नजर आ रहे है, लेकिन यह जीत के लिए पर्याप्त नहीं है.
दूसरी तरफ भाजपा के 25 विधायक चुनाव जीत कर आये, वहीं बाद में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी पार्टी में शामिल हो गये. इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी को दो निर्दलीय विधायक सरयू राय और अमित कुमार यादव ने वोट देने की घोषणा कर दी है, जबकि पूर्व में आजसू पार्टी भी भाजपा का सहयोगी रहा है और पहले भी दीपक प्रकाश एवं बाबूलाल मरांडी दो बार आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो से मिल कर समर्थन का आग्रह कर चुके है.
राज्यसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान भी आजसू पार्टी के एक विधायक लंबोदर महतो का हस्ताक्षर दीपक प्रकाश के पक्ष में था. इस तरह से दीपक प्रकाश के पक्ष में 30 का आंकड़ा नजर आ रहा है. लेकिन जेल में बंद भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के वोट देने को लेकर संशय कायम है. जबकि आजसू पार्टी का रूख क्या रहेगा, इसपर भी मतदान के दिन तक सबकी नजर बनी रहेगी.