दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हुई. झड़प के बाद तीनों सेनाओं का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. एलएसी पर थल सेना, वायु सेना और नौसेना हाई अलर्ट हो गई है. 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा पर पुख्ता इंतजाम सुरक्षा के किए गए हैं.
तीनों सेनाओं का हाई अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. गलवान घाटी की घटना के बाद थल सेना, नौसेना, वायु सेना को अलर्ट कर दिया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि भारत और चीन के बीच 3500 किलोमीटर लंबी सीमा पर तीनों सेनाओं ने मोर्चा संभाल लिया है. बीते दिनों गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई. जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए. तो वहीं चीन के भी 43 जवान घायल बताए जा रहे हैं . 5 जवान मारे गए.
हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ी
इस झड़प के बाद भारत और चीन के बीच आई दूरी को देखते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के इस रवैया पर कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सतर्कता बढ़ाने के लिए कह दिया गया है.
वहीं दूसरी तरफ बीते दिनों सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुखों की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक हुई . जिसमें तीनों सेनाओं को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल और लद्दाख में एलएसी के पास भी तीनों सेनाओं ने मोर्चा संभाल लिया है और अपने कई टुकड़ियों को तैनात कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री का दो टूक जवाब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.