नई दिल्ली: सहरद (LAC) पर भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले चालबाज चीन को भारत ने आर्थिक मोर्चे पर पहला बड़ा झटका दिया है. केंद्र सरकार ने संचार विभाग और सरकारी टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) को निर्देश दिए हैं कि वो 4जी के क्रियान्वयन के लिए चीनी उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाएं.
सरकार ने इस बारे में सभी टेंडर्स को खत्म करने के आदेश दे दिए हैं और नए टेंडर निकालने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. इसी वर्ष 31 मई को बीएसएनएल 8697 करोड़ रुपये का 4जी टेंडर रद्द किया है. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक बड़ा कदम माना गया है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘हमे टेलिकॉम मैनुफैक्चरर्स से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि चीन भारतीय टेलिकॉम इक्विपमेंट्स का इम्पोर्ट नहीं होने दे रहा है, बल्कि अपने टेलिकॉम गियर को सब्सिडी देता है जिससे भारतीय बाजार में उनके दाम बेहद कम हो जाती है. इसका नतीजा ये होता है कि स्वदेशी टेलिकॉम इक्विपमेंट्स मैनुफैक्चरर्स आगे नहीं बढ़ पाते.’ उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए फैसले ले रहा है. जल्दी ही, प्राइवेट प्लेयर्स से भी बात कर चीन को दूर रखने की रणनीति बनाई जाएगी.
बता दें कि वर्तमान में चीनी कंपनी हुआवेई के साथ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां काम कर रही हैं वहीं, बीएसएनएल वर्तमान नेटवर्क में चीनी जेडटीई के साथ काम कर रहा है.
यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. सोमवार रात गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि चीनी सेना के 43 जवान मारे गए या गंभीर रूप से जख्मी हुए. चीन ने अपनी ओर से इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीन की इस हरकत के बाद भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार का आंदोलन जोरों पर है. देश के कई हिस्सों में चाइनीज सामानों को आग के हवाले किया गया. साथ ही लोगों ने चीनी सामान न खरीदनें का संकल्प भी लिया. साथ ही, सोशल मीडिया पर भी हैशटैग के साथ ‘HindiCheeniByeBye’ और ‘BharatVsChina’ ट्रेंड कर रहा है.