नई दिल्ली: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में 23 जून को होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर बैन लगा दिया है.
अदालत ने कहा है कि यदि कोरोना महामारी के बीच इस यात्रा की अनुमति दी गई तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में लाखों लोगों के जमान होने से संक्रमण की आशंका जताते हुए यात्रा पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
बता दें कि कॉमर्शियल खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी को लांच करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ये फैसला भारत के संसाधनों को अनलॉक करने की दिशा में उठाया गया कदम है.
उन्होंने कहा, आज हम सिर्फ कोयले के व्यवसायिक खनन के लिए नीलामी ही शुरू नहीं कर रहे हैं बल्कि कोयला सेक्टर को कई दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकाल रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कोयल निर्यातक देश बनना है.
उन्होंने कहा कि भारतो ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया ये बड़ा क़दम है.
उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक निर्णय कोयला सेक्टर की तस्वीर बदल देगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत यानि भारत इम्पोरट पर अपनी निर्भरता कम करेगा. आत्मनिर्भर भारत यानि भारत इम्पोर्ट पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा।
आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को इम्पोर्ट न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा.’
वहीं कोल इंडिया के मज़दूर संगठनों ने इस नीलामी का विरोध किया है.