लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने प्रदेश में हर तरह के एरियर (Arrears) भुगतान पर 30 सितंबर तक रोक लगा दी है. शासन ने इसके पीछे तर्क दिया है कि कोरोना संक्रमण (COVID-19 Infection) के कारण प्रदेश में लॉकडाउन (Lockdown) घोषित होने के कारण राजस्व में कमी आई है. कैश मैनेजमेंट के तहत ये फैसला लिया गया है. अब 30 सितंबर के बाद किसी भी प्रकार के एरियर का भुगतान किया जाएगा. उधर कर्मचारियों में इस निर्णय को लेकर निराशा देखने को मिल रही है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इस कोरोना काल में कई कर्मचारी जी-जान से सेवा में जुटे हैं, एरियर नहीं मिलने से उनका उत्साह कम होगा.
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल की तरफ से एक शासनादेश जारी कर दिया गया है. साथ ही शासन की तरफ से कहा गया है कि सभी विभागों के बजट में बड़े निर्माण कार्य और जमीन खरीद के लिए प्रावधानित राशि भी 31 जुलाई तक वित्त विभाग की सहमति से ही जारी की जा सकेंगी.
मामले में उत्तर प्रदेश सचिवालय सेवा संगठन समन्वय समिति के संयोजक शिव गोपाल सिंह सिंह ने बताया कि सचिवालय के कर्मचारियों पर एरियर रोके जाने जाने का बहुत फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन जिन्हें एसीपी का लाभ मिलना है, उनके लिए दिक्कत हो सकती है. प्रमोशन के साथ किसी कर्मचारी का जब ग्रेड-पे बढ़ना होता है, ऐसे में जब प्रमोशन का पद नहीं मिलता तो सरकार उस पद के सापेक्ष ग्रेड-पे का लाभ दे देती है. बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी होंगे, जिनका प्रमोशन हुआ होगा लेकिन बढ़ा हुआ ग्रेड-पे देर से मिलना शुरू हुए होगा. ऐसे में उनका जो एरियर बनेगा, अब सितंबर तक नहीं मिल सकेगा.
दूसरी ओर यूपीपीसीएल में जूनियर इंजीनियर संघ के प्रेसिडेंट गोविंद बल्लभ पटेल ने कहा कि इससे उन कर्मचारियों का उत्साह कम होगा, जो कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे हैं. अच्छी सर्विस के ऐवज में सरकार पूरी सेवा के दौरान तीन वित्तीय बढ़ोतरी देती है. यह लागू तो हो जाती है लेकिन लागू होते-होते कई महीने बीत जाते हैं. ऐसे में उन महीनों का एरियर सरकार बाद में भुगतान करती है. इस कोरोना काल में एरियर पर रोक लगने से वह पैसा कर्मचारियों को नहीं मिल सकेगा. सरकार को चाहिए कि इस समय इस तरीके की रोक न लगाएं