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झारखंड में बीजेपी संगठन को मजबूत बनाने में निभायी अहम भूमिका
रांची: झारखंड से राज्यसभा के लिए निर्वाचित बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने अपने राजनीतिक-सामाजिक की शुरुआत युवा अवस्था में ही विद्यार्थी परिषद से की.
पहले एकीकृत बिहार और फिर अलग झारखंड राज्य गठन के बाद पार्टी संगठन को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले दीपक प्रकाश ने राज्य के तमाम छोटे-बड़े कार्यकर्त्ताओं के साथ मिलकर गांव-गांव जाकर काम किया.
इसी सांगठनिक क्षमता की वजह से पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अब तक किसी भी चुनाव में खड़ा होने से रोका, लेकिन उनके कार्य अनुभव और क्षमता को देखते हुए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस वर्ष उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का कमान सौंपने के साथ ही एक महीने के अंदर ही राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी भी बनाने का फैसला लिया.
घर-परिवार का त्याग कर सामाजिक कार्यां की शुरुआत
1973 में जब देश में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कांग्रेस का बोलबाला था, उस वक्त दीपक प्रकाश ने जनसंघ की विचारधारा से जुड़ते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया.
प्रारंभ में घर-परिवार लोगों ने उन्हें पढ़ाई पूरी कर नौकरी करने की भी सलाह दी, लेकिन दीपक प्रकाश ने एक तरह से घर-परिवार का त्याग कर सामाजिक कार्यां में जुटे रहने का निर्णय लिया. बाद में दीपक प्रकाश ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में नगरमंत्री, जिला प्रमुख, विभाग प्रमुख, विश्वविद्यालय प्रमुख और राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में जिम्मेवारी संभाली.
वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव और प्रदेश उपाध्यक्ष पद का भी दायित्व संभाला. इसके बाद प्रदेश बीजेपी में वे दो बार प्रदेश सचिव, दो बार प्रदेश उपाध्यक्ष और कोर कमेटी के सदस्य भी तीन बार रहे.
संघर्ष के दौर से ही बाबूलाल मरांडी से रही निकटता
एकीकृत बिहार में दीपक प्रकाश को प्रदेश बीजेपी की ओर से महत्वपूर्ण दायित्व मिला, तो उन्होंने एक शिक्षक से राजनेता बने बाबूलाल मरांडी के साथ मिलकर झारखंड के विकास की परिकल्पना तैयार की.
बाद में बाबूलाल मरांडी प्रथम मुख्यमंत्री बने, तो सलाहकार के रूप में दीपक प्रकाश की भी बड़ी भूमिका रही. बाद में बाबूलाल मरांडी ने भाजपा नेतृत्व से क्षुब्ध होकर जब पार्टी छोड़ी, तो दीपक प्रकाश भी कुछ दिनों के लिए उनके साथ जेवीएम में चले गये.
बाद में वे वापस लौट आये और 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जेवीएम के भाजपा में विलय में भी दीपक प्रकाश की भूमिका अहम रही.