मॉनसून सत्र इस कार्यकाल का अंतिम सत्र है और इसके बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. आखिरी सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है.राज्य में अल्प बरसात से सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न है. पक्ष-विपक्ष चिंतित है. फिलहाल झारखंड के लिए सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास यह बड़ा मुद्दा भी है.
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पहले दिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा परिसर में नारेबाजी की थी. प्रदर्शन करते हुए राज्य को सूखा क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई थी, और प्रभावित किसानों को विशेष पैकेज विशेष सुविधा देने की मांग की गई.
दूसरे दिन भी कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम इस मुद्दे को लेकर सदन की कार्रवाही से पूर्व विधानसभा परिसर में कांग्रेसी विधायकों के साथ प्रदर्शन किया. कांग्रेस का साथ मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर कानून व्यवस्था के सवाल पर भाकपा माले ने भी दिया. यहां पर ईसाइयों पर अत्याचार बंद करने की मांग भी उठी .कुल मिलाकर राजनीतिक गर्माहट दिखी .
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने और अन्य नेताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था का प्रश्न उठाया. डायन हत्या , मॉब लिंचिंग के साथ साथ यहां के मेधावी छात्रों का महानगरों के कॉलेजों में नामांकन नहीं होने का मुद्दा भी उठा.
विधानसभा परिसर में बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इंटर कॉलेजों में नामांकन की सीटों की कमी किए जाने पर धरना दिया. अपनी बातों को रखते हुए इस धरने में उनका साथ झामुमो विधायक कुणाल सारंगी ने भी दिया .