नई दिल्ली: साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण लगना शुरू हो गया है. 25 वर्ष बाद यह पहला मौका है जब वलायाकार यानी अंगूठी की तरह दिखने वाला ग्रहण लगा है. सूर्य ग्रहण के दौरान भारत के कई शहरों में आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखाई देगा. इससे पहले साल 1995 में इस तरह का ग्रहण नजर आया था. सूर्य ग्रहण सुबह 09.15 बजे से शुरू होकर दोपहर 03.04 मिनट पर खत्म होगा. ज्योतिषियों के अनुसार लगभग 05 घंटे 49 मिनट तक यानी करीब 6 घंटे के इस ग्रहण में ग्रहों के संयोग से कई परिणाम देखने को मिल सकते हैं. सूर्य ग्रहण भले ही खगोलीय घटना हो, लेकिन धर्म-ज्योतिष और विज्ञान में इसके अपने मायने होते हैं. ज्योतिषों की मानें तो महामारी के दौर में लगने वाला सूर्य ग्रहण काफी अशुभ है. यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में रोग और महामारी वाला ग्रहण साबित हो सकता है.
खुली आंखों से नहीं देखें ग्रहण:
ऐसा बताया जा रहा है कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. वैज्ञानिकों के मुताबिक नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण देखना आंखों के लिए नुकसानदायी हो सकता है. सोलर फिल्टर चश्मे या फिर टेलीस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण देख सकते हैं. इसके अलावा सूर्य ग्रहण देखने के लिए बाजार में कई सर्टिफाइड चश्में उपलब्ध हैं.
इन देशों में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत सहित दुनिया के कई देशों में नजर आएगा. सूर्य ग्रहण भारत, पाकिस्तान, चीन, सेंट्रल अफ्रीका के देश, कॉन्गो, इथोपिया, नॉर्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और यूरोप के अलग-अलग देशों में नजर आएगा. राजस्थान के सूरतगढ़ और अनूपगढ़, हरियाणा के सिरसा, रतिया, और कुरुक्षेत्र तथा उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, चमोली और जोशीमठ जैसे क्षेत्रों से ‘अग्नि-वलय’ एक मिनट तक दिखेगा.