नई दिल्ली: भारत ने लद्दाख में सीमा पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) की असामान्य मूवमेंट का पता लगाया है. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि चीन की किसी भी चालबाजी का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना भी पूरी तरह से तैयार है और इसके लिए रणनीति बना ली गई है.
हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायु सेना (IAF) को चीन के हवाई ठिकानों और LAC के साथ तैनाती के बारे में पता था. गर्मियों के दौरान चीन की तरफ एक्सरसाइज होती हैं, लेकिन इस समय हमने चीनी वायुसेना की सामान्य तैनाती से अधिक देखी है. हमने आवश्यक कार्रवाई की है, जिसके लिए भारत ने वायुसेना ने अपने विमानों को आगे हवाई अड्डों की ओर क्यों बढ़ाया.
चीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी भारतीय विमान
भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 और सुखोई एसयू 30 लड़ाकू विमान को चीन के जे-10, जे-11 और एसयू-27 लड़ाकू विमानों पर बढ़त हासिल है. चीन ने भारत से लगी सीमा पर इन्हीं विमानों को तैनात किया है. भारतीय मिराज 2000 और एसयू -30 जेट्स ऑल-वेदर, मल्टी-रोल विमान हैं जबकि चीन का जे-10 ही ऐसी योग्यता रखता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत-चीन में युद्ध होगा, वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘नहीं, हम चीन के साथ युद्ध वाली स्थिति में नहीं हैं. लेकिन हम किसी भी तरह के टकवार के लिए तैयार हैं. LAC में शांति से स्थिति को हल करने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.’
15 जून को चीन ने पांच दशकों में सबसे बड़े टकराव को अंजाम दिया, जिसमें भारत की तरफ से एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. आईएएफ प्रमुख ने कहा कि ये चीनी की ‘अस्वीकार्य कार्रवाई’ थीं. उन्होंने कहा, ‘हम गलवान के अपने बहादुरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन की सेना भारत के मुकाबले अधिक मजबूत है, वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘निश्चिंत रहें, हमारे सशस्त्र बल स्थिति को संभालने में सक्षम हैं.’ हालांकि भदौरिया ने इस सवाल का जवाब नहीं किया कि क्या चीनी सेना ने एलएसी 2 किमी पार किया था या नहीं. उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना में विश्वास रखो. जो हुआ उसके बारे में जानकारी सामने आई है. हमें विरोधी को कोई संदेश नहीं देना है, क्योंकि विरोधी हमारी क्षमता को जानता है.’