रांची : आजमीन-ए-हज के अलावा हज हाउस का निर्माण शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों में हो इसे लेकर आवाज उठने लगी है. हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार हज हाउस अस्तित्व में आ चुका है. इस साल से हज यात्रियों को हज हाउस के माध्यम से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. हालांकि, हज के अलावा बांकी दिनों में हज हाउस का क्या इस्तेमाल हो सकता है. इसे लेकर अब तक कोई रूपरेखा तय नहीं की गई है. अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खा कहते हैं कि, इसे लेकर अभी निर्णय होना बांकी है.
विभिन्न सामाजिक संगठनों और मुस्लिम समाज के द्वारा यह मांग की जा रही है कि, हज हाउस का अधिक से अधिक सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाए. संगठनों की मांग है कि, हज कमिटी और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक भी हज हाउस में शैक्षणिक कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है. लिहाजा, इसे लेकर जल्द से जल्द निर्णय लेने की आवश्यकता है.