रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग देश का एक ऐसा आयोग है जो संभले नहीं संभल रहा है. हालांकि छठी जेपीएससी को आयोग ने क्लीयर कर दिया लेकिन विवाद अब तक थमा नहीं है. अभ्यर्थियों इस परिणाम के खिलाफ 30 केस दर्ज करा चुके हैं. जेपीएससी के अभ्यर्थी अनिल पन्ना, राज कुमार मिंज और शशि पन्ना ने बताया है कि अब तक 30 से अधिक केस हो चुके हैं.
4 बार सीएस रैंक के अफसर संभाल चुके हैं JPSC की कमान
चार सीएस रैंक के अफसर जेपीएएससी की कमान संभाल चुके हैं. बावजूद जेपीएएससी पटरी पर नहीं आ पाया. मुख्य सचिव रैंक के अफसर शिव बसंत, देवाशीष गुप्ता और के विद्यासागर अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं. वर्तमान में भी पूर्व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी इसके अध्यक्ष हैं.
IPS, IFS और न्यायिक सेवा के अफसर भी रहे अध्यक्ष
न्यायिक सेवा के अफसर आलोकसेन गुप्ता भी अध्यक्ष बने. आईपीएस आरसी कैथल भी अध्यक्ष रहे. सेंट्रल गवर्मेंट के अफसर डॉ पीसी हेंब्रम सहित तीन शिक्षाविद डॉ दिलीप प्रसाद, डॉ परवेज हसन और ए.के. चट्टोराज भी अध्यक्ष पद पर रहे. इसके बाद पीसीसीएफ रैंक के अफसर डीके श्रीवास्तव भी अध्यक्ष रहे. फिर भी आयोग विवादों से जूझता रहा. स्थिति यह है कि अब तक जेपीएएससी सिर्फ छह परीक्षा ही ले पाया है.
कौन अध्यक्ष किस सेवा में रहे-
• डॉ पीसी हेंब्रम (सेंट्रल गवर्मेंट के अफसर)
• डॉ दिलीप प्रसाद (शिक्षाविद्)
• आलोक सेन गुप्ता (न्यायिक सेवा)
• आरसी कैथल (आईपीएस)
• परवेज हसन (शिक्षाविद्)
• शिव बसंत (आईएएस, सीएस रैंक के अफसर)
• देवाशीष गुप्ता (आईएएस, सीएस रैंक के अफसर)
• के. विद्यासाग (आईएएस, सीएस रैंक के अफसर)
• डीके श्रीवास्तव (आईएफएस, पीसीसीएफ)
• ए.के. चट्टोराज (शिक्षाविद्)
• सुधीर त्रिपाठी( आइएएस)