शशिभूषण दूबे कंचनीय,
मिर्जापुर: जनपद के हलिया थाना के प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह का अभद्रतापूर्ण व गाली गलौज देने का ऑडियो क्लिप एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हलिया थाने में फरवरी माह से तैनात प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह की खराब छवि के चलते थाने में फरियादियों को जाने में भी डर लगता है. न जाने साहब कब गाली गलौज व मारने पीटने पर उतारू हो जाएं.
बीते फरवरी महीने में थाना क्षेत्र के पिपरा गांव के राजकीय हाईस्कूल में कार्यरत लापता शिक्षक का पता लगाने में असफल रहने के आरोप में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक देवी वर शुक्ल को पुलिस अधीक्षक ने लाइन हाजिर कर दिया था और उनकी जगह अमित सिंह को हलिया थाने की कमान सौंपी तो लोगों को लगा कि लापता शिक्षक मामले का जल्द ही खुलासा हो जाएगा, लेकिन अभी तक इस मामले का खुलासा करने में पुलिस नाकाम रही है. अमित सिंह के पुलिसिया तानाशाही के रवैए से आम जनता भी त्रस्त है.
फरियादी अपनी पीड़ा व फरियाद लेकर थाने जाने में भी झिझकते हैं कहीं थानेदार साहब उनके साथ बदसलूकी पर न उतारू हो जाएं. थाना क्षेत्र के गुर्गी गांव के एक मामले में प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह ने पड़ोसी सुरेन्द्र मिश्र से फोन पर किस बदतमीजी से गाली गलौज देते हुए बात की है उससे पुलिस की छवि धूमिल होने के साथ-साथ आम जनता में पुलिस के प्रति खौफ भी व्याप्त है.
आडियो क्लीप में जिस तरह से अभद्रता पूर्वक गाली गलौज देते हुए बात की है उसी से प्रभारी निरीक्षक के आचरण का पता लग जाता है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक आम जनता में पुलिस की छवि बेहतर बनाने हेतु विभिन्न प्रयास कर रहे हैं तो वहीं पुलिस विभाग में कार्यरत ऐसे थानेदार मुख्यमंत्री व विभागीय उच्चाधिकारियों आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
गुर्गी गांव निवासी सुरेंद्र मिश्र कहते हैं कि पड़ोसी होने के नाते मुझसे गाली गलौज देते हुए प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह ने जिस तरह से अभद्रता की है वह बेहद अपमान जनक है तथा मुझे डर भी लग रहा है कि कहीं वह मुझे किसी झूठे मामले में न फंसा दे जैसा कि उन्होंने फोन पर कहा भी है.
वहीं उक्त प्रकरण को लेकर तमाम प्रकार की खबरें सामने आ रही हैं लेकिन पुलिस अधीक्षक डॉ धर्मवीर सिंह के द्वारा अब तक इस बेलगाम इंस्पेक्टर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है जो कि पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है कि थानेदार साहब के ऊपर सत्ता दल के नेताओं व कप्तान साहब की छत्र छाया बनी हुई है.
हलिया थाने में ऐसे दागदार इंस्पेक्टर की तैनाती से न सिर्फ विभागीय उच्चाधिकारियों के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है बल्कि पुलिस महकमे के ऊपर से भी लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.
क्षेत्रीय लोगों ने बात बात में अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले ऐसे बेलगाम इंस्पेक्टर के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है. अब देखना यह है कि हलिया इंस्पेक्टर की कार्यशैली पर कब-तक विभागीय अधिकारियों की नजर पड़ती है.