नई दिल्ली: केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि बाहरवीं कक्षा की बची हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला बुधवार को लिया जाएगा. 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली इन परीक्षाओं को कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से टाला जा सकता है. इसपर फैसले के लिए बातचीत उन्नत स्तर पर जारी है.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि सरकार और बोर्ड छात्रों की परेशानी से भली-भांति अवगत हैं और अधिकारी इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेंगे. मेहता ने पीठ से इस मुद्दे को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वे अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराएंगे.
न्यायमूर्ति खानविल्कर के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना भी शामिल थे. पीठ ने मेहता की बात सुनने के बाद मामले को 25 जून तक के लिए स्थगित कर दिया. शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे परीक्षा देने वाले छात्रों के कुछ माता-पिता द्वारा दायर किया गया है. इसमें उन्होंने मांग की थी कि शेष विषयों के अंक पहले आयोजित परीक्षा के आधार पर और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के साथ औसत आधार पर गणना करके परिणाम घोषित किए जाएं.
याचिका में सीबीएसई की 18 मई की अधिसूचना को भी रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें कक्षा बाहरवीं की शेष परीक्षाओं की तारीख घोषित की गई थी. इससे पहले सीबीएसई की ओर से सोमवार को सीलबंद रिपोर्ट सर्वोच्च अदालत भेजी गई थी. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते फिलहाल जुलाई में आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थगित करवाने पर सहमति बन गई है.