शशिभूषण दूबे कंचनीय,
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यू पी बोर्ड) ने बीते 18 फ़रवरी को हाई स्कूल / इंटर मीडिएट की परीक्षा सकुशल संपन्न करायी. जो 6 मार्च को समाप्त हो गई. इसके बाद शासन के आदेश पर 16 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य प्रारंभ कर दिया. लेकिन कोरोना वायरस के कारण अध्यापकों ने कापियों को जांचने से इंकार कर दिया.
तब उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मूल्यांकन कार्य स्थगित कर दिया. इसके तुरंत बाद ही सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया. जो 40 दिन रहा. इसके बाद फिर से 20 अप्रैल को शासन के निर्देश पर मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया गया. जो जून के प्रथम सप्ताह में समाप्त हुआ. अब यू पी बोर्ड कार्यालय (मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज, मेरठ, बरेली, वाराणसी, गोरखपुर) में छात्रों का परिक्षा परीणाम घोषणा की तैयारी जोरों से चल रही है और उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के अनुसार 27 जून को 12:30 बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. इसी बीच यू पी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव का कार्यकाल 30 जून तक ही है.
आपको बता दें कि यू पी बोर्ड कार्यालय की स्थापना सन 1921 में हुई. इसके बाद 1923 में पहला 10 वीं, 12वीं का रिजल्ट घोषित किया गया तब से अब तक सचिव की कुर्सी पर 33 अफसर विराजमान हो चुके हैं और सबसे लंबा कार्यकाल तात्कालिक सचिव अचला खन्ना का रहा जो लगातार सात साल तक सचिव के पद पर रही.
इसके बाद अगर कोई बोर्ड में रहा है तो तात्कालिक निदेशक अमर नाथ वर्मा जो यू पी बोर्ड में उप सचिव के पद पर थे. इसके बाद अपर सचिव प्रशासन के बाद सचिव और शिक्षा निदेशक माध्यमिक के पद रह चुके हैं और इस पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लेकिन सचिव के पद पर इतना लम्बा कार्यकाल किसी का नहीं रहा. जो भी इस कुर्सी पर बैठा 3 वर्ष के दौरान उसे हटा दिया गया. यू पी बोर्ड सचिव के पद से सेवानिवृत्त होना वाले पहले अधिकारी उपेन्द्र कुमार रहे हैं जो वर्ष 2014-2015 में बोर्ड मुख्यालय में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए.
इसके बाद अब नीना श्रीवास्तव जो 30 जून को सचिव पद से सेवानिवृत्त होगी. सूत्रों की मानें तो सचिव पद के पर वही बैठेगा जिसकी सेवा अभी तीन से चार साल है और दिव्या कांत शुक्ला का अभी कार्यकाल तीन साल है.