दिल्ली: जमीनी हालात और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा के लिए लद्दाख की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, बुधवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में आगे के स्थानों की यात्रा पर हैं. सेना प्रमुख जमीन पर सैनिकों के साथ बातचीत भी करेंगे.
सेना प्रमुख मंगलवार को जमीन की स्थिति और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा करने के लिए लेह के लिए निकले थे. उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल के साथ पूर्वी लद्दाख की बातचीत की. बातचीत के दौरान उत्तरी सेना के कमांडर और लेह वाहिनी के कमांडर भी मौजूद थे.
जनरल नरवणे ने सेना के एक अस्पताल का दौरा किया और भारतीय सेना के सैनिकों के साथ बातचीत की. 15 जून को ये सैनिक गालवान घाटी में झड़प में घायल हुए और उनका इलाज चल रहा है. अधिकारियों ने कहा कि सेना प्रमुख ने सोमवार को दिल्ली में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.
जमीनी हालात और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा के लिए लद्दाख की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, बुधवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में आगे के स्थानों की यात्रा पर हैं. सेना प्रमुख जमीन पर सैनिकों के साथ बातचीत भी करेंगे.
सेना प्रमुख मंगलवार को जमीन की स्थिति और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा करने के लिए लेह के लिए निकले थे. उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल के साथ पूर्वी लद्दाख की बातचीत की. बातचीत के दौरान उत्तरी सेना के कमांडर और लेह वाहिनी के कमांडर भी मौजूद थे.
जनरल नरवाणे ने सेना के एक अस्पताल का दौरा किया और भारतीय सेना के सैनिकों के साथ बातचीत की. 15 जून को ये सैनिक गालवान घाटी में झड़प में घायल हुए और उनका इलाज चल रहा है. अधिकारियों ने कहा कि सेना प्रमुख ने सोमवार को दिल्ली में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.
गौरतलब है कि बीते 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना की झड़प में चीन के 40 से ज्यादा जवान या तो घायल हुए या मारे गए. वहीं भारत केे 20 जवान शहीद हुए.
सैन्य सूत्रों ने जानकारी दी कि इससे पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही.
मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई . छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी.
इस घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है.