नई दिल्ली: स्कूलों की पढ़ाई में 15 साल बाद नया बदलाव होने जा रहा है. ये बदलाव भारत के स्कूलों की पढ़ाई के स्ट्रक्चर में हो रहा है. नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने इसके लिए तैयारियां कर ली है. स्कूलों में पढ़ाई पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) पर आखिरी रिपोर्ट इसी साल दिसंबर तक पेश की जाएगी. बस फिर इसके बाद से देश के स्कूलों की पढ़ाई में बदलाव होगें.
टेक्स्टबुक में भी परिवर्तन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि स्कूल एजुकेशन पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की शुरुआत हो चुकी है. एनसीईआरटी नए एनसीएफ के मुताबिक, टेक्स्टबुक में भी परिवर्तन करेगी.
साथ ही विषय विशेषज्ञ इस बारे में आखिरी रिपोर्ट दिसंबर 2020 तक सौंप देंगे. इसे ध्यान में रखते हुए नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क अगले साल मार्च से लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है.
इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनसीईआरटी को निर्देश दिए हैं कि नई टेक्स्टबुक्स डिजाइन करते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि कोर कंटेंट उनमें जरूर शामिल रहना चाहिए.
एनसीएफ के हिसाब से ही लिखी जाएंगी
इसके अलावा क्रिएटिव थिंकिंग, लाइफ स्किल्स, आर्ट जैसे सभी क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. नई किताबें नए एनसीएफ के हिसाब से ही लिखी जाएंगी. एनसीईआरटी किताबों की डिजाइनिंग और लेआउट का काम भी बहुत पहले ही शुरू कर देगी.
बता दें, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क अब तक चार बाद संशोधित किया जा चुका है. ये पांचवां मौका होगा जब इसमें परिवर्तन किया जाएगा. ये परिवर्तन इससे पहले साल 1975, 1988, 2000 और 2015 में भी एनसीएफ में बदलाव किया जा चुका है.