रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: बैरगनिया होते हुए चंदनबारा, फुलवरिया, कुशमहवा, ढ़ाका, चिरैया एवं मोतिहारी जाने के लिए आम लोग इन दिनों रेल लाइन का सहारा ले रहे हैं. पैदल तो छोड़िए, अपनी जान पर खेलकर साईकल व मोटरसाइकिल सवार भी रेल लाइन से ही आवाजाही करते हुए देखे जा रहे हैं.
नेपाल से निकलने वाली लालबकेया नदी में फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन एक माह पूर्व ही नदी के तीव्र प्रवाह में बह चला, तब से अबतक इसी तरह लोगों का आवागमन हो रहा है.
उधर आने- जाने वाले चार पहिया वाहन यहां से 10 किलोमीटर दूर होकर जमुआ घाट पुल से आ-जा कर रहे हैं. ज्ञात हो कि अब तक जमुआ घाट पर बने सड़क पुल का उद्घाटन भी नहीं हो सका है. परंतु यह पुल चालू है.
फुलवरिया घाट में डायवर्शन नहीं होने से लोग अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर ऑफिस घाट रेल पुल से आवाजाही करने को विवश है. यह रेल पुल नदी से 25 फीट ऊंचा है. वैसे तो ट्रेनों का परिचालन फिलहाल ठप है. बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं.
लोगों ने बताया कि फुलवरिया घाट डायवर्सन से ही आवश्यक सामानों की आपूर्ति हुआ करती थी. लाल बकेया नदी के फुलवरिया घाट में क्षेत्र के लोग वर्षों से सड़क पुल की मांग कर रहे हैं. परंतु क्षेत्रीय नेताओं का ध्यान कभी भी इस पर आकृष्ट नहीं हुआ. अब एकमात्र सहारा फुलवरिया घाट पर बने डायवर्सन भी ध्वस्त हो चुका है.
पूर्व में ही बैरगनिया सीओ अमित कुमार ने कहा था कि लॉक डाउन के बाद फुलवरिया घाट पर डायवर्सन निर्माण संभव हो सकेगा,बावजूद प्रशासन लापरवाह हैं.