मुंगेर: संभावित बाढ़ को लेकर जिला संग्रहालय सभागार में समीक्षा बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता डीएम राजेश मीणा ने की. बैठक में कहा गया कि वर्षा मापक यंत्र सभी प्रखंडों में कार्यशील होनी चाहिए एवं सभी बाढ प्रभावित क्षेत्रों के सीओ को निर्देश दिया गया की संकट ग्रस्त क्षेत्रों की पहचान कर उनका सत्यापन कर ले.
साथ ही साथ पंचायत एवं गांव स्तर पर सरकारी एवं निजी नाव , जेनरेटर पेट्रोमैक्स, टेंट, पॉलिथीन बैग, खाली सीमेंट की बोरी आदि सामानों की उपलब्धता का ब्यौरा तैयार कर ले. साथ ही कहा कि गंगा नदी के किनारे बसे धरहरा प्रखंड से बरियारपुर तक जल स्तर में वृद्धि होने के कारण कटाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है.
इसलिए कटाव क्षेत्रों की निगरानी के लिए होमगार्ड एव चौकीदार को प्रतिनियुक्त किया जाए ताकि समय रहते कटाव की जानकारी मिल सके और कटाव से बचाव के लिए ठोस प्रबंध किया जा सके. साथ ही कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रक प्रमंडल भागलपुर एवं मुंगेर सदर अनुमंडल पदाधिकारी को संयुक्त रूप से निरीक्षण कर प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया.
इसके अलावा बाढ़ प्रभावित टोला, गांव एव पंचायत में होलडिंग बैनर आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार करने का आदेश जिला सूचना जन सम्पर्क पदाधिकारी को दिया. साथ ही पशुओं के लिए चारा एवं आवश्यक दवाओं के भंडारण का निर्देश पशुपालन पदाधिकारी को दिया.
वहीं कार्यपालक अभियंता पदाधिकारी पीएचइडी को शरण स्थलों में पेयजल एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही चापाकल ,बोरिंग व अन्य जल स्त्रोतों के मरम्मत का निर्देश दिया. इसी प्रकार सड़कों की मरम्मत, खाद्यान्न भंडारण ,गोताखोर के परिक्षण ,नियंत्रण कक्ष 06344222660 की स्थापना एव आकास्मिक फसल योजना का सूत्रण आदि का भी निर्देश दिया एवं उन्होंने बताया की मुंगेर जिले में कुल 48 हजार परिवार बाढ प्रभावित अंचलो में है, जिसके लिए जिला आपाकालीन केंद्र कार्यशील है और अंचल स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष बनाए गये है एवं बताया कि जिले में कुल 45 सरकारी नाव तथा 4 एफआरपी मोटर बोट है.
सभी नावों पर तखती लगाने का निर्देश दिया जिस पर लिखा होगा यह राज्य सरकार की ओर से निशुल्क सेवा है. साथ ही सिविल सर्जन को भी निर्देश दिया गया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं का भंडारण कर लिया जाए.
बैठक में एडीएम विधानंद सिंह, डीडीसी संजय कुमार, सीएस पुरूषोत्तम कुमार, तीनों एसडीओ, सभी सीओ, आपदा प्रभारी रतन, जिला पशुपालन पदाधिकारी आदि मौजूद थे.